गौला में खनन लक्ष्य होगा दोगुना
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो गौला में खनन कारोबार के जल्द ही अच्छे दिन आ सकत
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो गौला में खनन कारोबार के जल्द ही अच्छे दिन आ सकते हैं। सेंट्रल स्वायल एंड वाटर कंजर्वेशन रिसर्च इंस्टीटयूट, देहरादून की टीम हाल ही में सर्वे कर जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें वर्तमान खनन लक्ष्य को बढ़ाकर दोगुना करने की संस्तुति की गई है। वन विकास निगम ने इस रिपोर्ट के आधार पर खनन लक्ष्य बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुमति लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
प्रदेश के लिए राजस्व रूपी सोना उगलने वाली गौला नदी के शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक 1497 हैक्टेयर क्षेत्र में वन निकास निगम अधिकतम 54.25 लाख घन मीटर उप खनिज की निकासी कराता है। वहीं नदी के लालकुआं व देवरामपुर निकासी गेट के मध्य तकरीबन ढ़ाई किमी. नदी क्षेत्र को एलीफैंट कारीडोर के रूप में आरक्षित कर लंबे समय से खनन पर प्रतिबंध है। वन निगम हर साल नदी में उपलब्ध खनन मात्रा के आकलन के लिए सेंट्रल स्वायल एंड वाटर कंजर्वेशन रिसर्च इंस्टीटयूट से सर्वे कराता है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही उपखनिज की निकासी की जाती है । 2015-16 के सत्र के लिए भी निगम ने इसी संस्थान से बीते अक्टूबर में सर्वे कराया था। संस्थान ने हाल ही में अपनी सर्वे रिपोर्ट वन निगम को सौंप दी है। रिपोर्ट में टीम ने नदी के कई क्षेत्रों में नदी का प्रवाह प्रभावित होने की बात कह इसको चैनेलाइज्ड करने की बात कही है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि नदी के जिस एलीफेंट कारीडोर के लिए आरक्षित क्षेत्र में खनन नहीं कराया जा रहा है, वहां वर्तमान में भारी तादाद में उप खनिज भंडारित हो गया है। इससे मानसून के दौरान नदी का प्रवाह बाधित होने से वन क्षेत्र के साथ ही नदी के आसपास के गांवो को भी खतरा हो सकता है। नदी को प्रतिबंधित क्षेत्र के साथ पूरे खनन क्षेत्र में यदि चैनेलाज्ड किया जाए यहां हर वर्ष वर्तमान में निर्धारित खनन लक्ष्य 54.25 लाख घन मीटर को बढ़ा एक करोड़ आठ लाख पचास हजार घन मीटर यानी दोगुना किया जा सकता है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने चूंकि वर्तमान में नदी से अधिक तम निकासी लक्ष्य 54.25 लाख घन मीटर लक्ष्य तय किया है, इसलिए वन निगम व वन विभाग के लिए लक्ष्य बढ़ाने को केंद्र की अनुमति लेना आवश्यक है। वन निगम के अधिकारियों की मानें तो विभाग ने केंद्र से अनुमति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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..तो मिलेंगे तीन नए गेट
रुद्रप़र : गौला नदी में वर्तमान में शीशमहल, राजपुरा, राजपुरा प्रथम, इंदिरा नगर, आंवला चौकी, गोरा पड़ाव, मोटाहल्दू, बेरीपड़ाव, हल्दूचौड, देवरामपुर ,लालकुआं व शांतिपुरी यानी कुल 12 गेटों से निकासी की जा रही है। वन निगम की मानें तो लक्ष्य बढ़ने के बाद नदी में तीन और नए निकासी गेट खुलने के आसार हैं। ये नए गेट शांतिपुरी, गौलापार व देवरामपुर के समीप खुलने के आसार हैं।
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दो हजार नए वाहनों को मिलेगा काम
रुद्रपुर : गौला के सभी निकासी गेटों पर वर्तमान में 7400 वाहन उपखनिज की निकासी के लिए पंजीकृत हैं। नदी में खनन लक्ष्य बढ़ने के बाद यहां दो हजार नए वाहनों का पंजीयन और होने की संभावना है।
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नौ माह चलेगी गौला
रुद्रपुर : गौला में अक्टूबर से जून तक खनन अवधि काफी समय से तय है। लेकिन, खनन लक्ष्य कम व वाहनों की तादाद बढ़ने से नदी में बमुश्किल चार से पांच माह तक ही खनन कार्य हो पा रहा है। अब यदि खनन लक्ष्य दोगुना हुआ तो नदी में पूरे नौ माह तक खनन हो सकेगा।
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रुकेगा अवैध खनन
रुद्रपुर : गौला नदी में खनन लक्ष्य कम होने से अब तक नदी के तमाम क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व की तगड़ी चपत लगती है। यदि नदी का खनन लक्ष्य दोगुना हुआ तो अवैध खनन पर काफी हद तक लगाम लग सकती है।
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वर्जन --
सेंट्रल स्वायल एंड वाटर कंजर्वेशन रिसर्च इंस्टीटयूट, देहरादून की टीम ने सर्वे के बाद जो निगम को रिपोर्ट दी है उसमें गौला नदी में खनन लक्ष्य दोगुना करने की बात कही गई है। रिपोर्ट के आधार पर संबधित मंत्रालयों से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि एक माह के भीतर केंद्र से अनुमति मिल जाएगी ।
-एमपीएस रावत, क्षेत्रीय प्रबंधक, वन विकास निगम
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वर्जन --
सर्वे टीम ने जो रिपोर्ट दी है, उसी के आधार पर केंद्र से अनुमति लेने के लिए आवेदन कर दिया गया है। जल्द ही अनुमति मिलने के आसार हैं। लक्ष्य बढ़ने से अवैध खनन पर रोक लगने के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
-हरीश धामी, अध्यक्ष, वन विकास निगम