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नई खनन नीति करेगी मालामाल

राहुल पांडेय, रुद्रपुर उत्तराखंड में जल्द लागू होने जा रही नई खनन नीति गौला नदी के खनन कारोबारियो

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 12:11 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:11 AM (IST)
नई खनन नीति करेगी मालामाल

राहुल पांडेय, रुद्रपुर

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उत्तराखंड में जल्द लागू होने जा रही नई खनन नीति गौला नदी के खनन कारोबारियों के लिए वरदान साबित होगी। इस नीति के तय मानकों के लागू होते ही नदी में बिन मांगे बारह हजार घन मीटर खनन लक्ष्य स्वत: ही बढ़ जाएगा। स्टोन क्रशर लगाने की प्रक्रिया भी आसान होगी। उपखनिज के भंडारण की अनुमति भी अब स्टोन क्रशर व खनन पट्टा धारकों को ही मिल सकेगी। इसके साथ ही सरकार ने बढ़ी रायल्टी का विवाद भी सुलझा दिया है। इस पर अब 200 रुपये प्रति टन के बजाय प्रति घन मीटर वसूलने पर सहमति बन गई है। इसका शासनादेश जल्द ही जारी होने वाला है।

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 से लागू अपनी खनन नीति में हाल ही में आमूल चूल परिवर्तन किए हैं। इन परिवर्तनों को कैबिनेट से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। मगर, रायल्टी की दरों में की गई चार गुना वृद्धि से विरोध के चलते यह अभी तक लागू नहंीं हो पाई है। सरकार इस पर संशोधन करने के पक्ष में है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन दरों में अब सुधार कर दिया गया है। नई नीति में पहले रायल्टी की दरें 200 रुपये प्रति टन यानी 20 रुपये प्रति कुंतल तय थी। अब सुधार कर सरकार ने इसे 200 रुपये प्रति घन मीटर वसूलने पर सहमति दे दी है। इसे जल्द ही गजट का रूप दिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार नई नीति में प्रदेश सरकार ने अब तक एक घन मीटर में निर्धारित 18 कुंतल के मानक को बढ़ा कर प्रति घन मीटर 22 कुंतल तय कर दिया है। रायल्टी दर घन मीटर में लागू करने पर अब प्रति कुंतल 20 के बजाय यह नौ रुपये के आसपास देय होगी। इस नीति के लागू होने का सबसे बड़ा फायदा गौला नदी के खनन कारोबारियों को होने जा रहा है। केंद्र की अब तक नदी में पूरे सत्र में 54 लाख घन मीटर उपखनिज निकासी की अनुमति है। ऐसे में घन मीटर के मानकों में चार कुंतल का इजाफा होने से नदी का खनन लक्ष्य स्वत: ही 2.16 करोड़ कुंतल यानी वर्तमान मानक से 12 लाख घन मीटर बढ़ जाएगा। इससे नदी में खनन कार्य एक से डेढ़ माह अधिक हो सकेगा। वहीं प्रदेश सरकार ने इस खनन नीति में वर्तमान में लागू अन्य प्रावधानों में भी आमूल चूल परिवर्तन किए हैं। इनमें प्रदेश को खनन के लिहाज से पर्वतीय, मध्य पर्वतीय व मैदानी जोन के रूप में बांटा गया है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर ही खनन के मानक लागू किए जाएंगे। स्टोन क्रशरों की स्थापना के लिए अब तक वन, आवासीय, स्कूल व क्रशर के बीच की दूरी के मानकों को भी कम किया गया है जिससे प्रदेश में अधिक नए क्रशरों की स्थापना अब आसान होगी। वहीं अब उप खनिज के स्टॉक की अनुमति सिर्फ स्टोन क्रशर मालिकों व खनन पट्टा धारकों को ही होगी।

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खास बातें

-घनमीटर का वजन 18 के बजाय अब होगा 22 कुंतल

-घनमीटर के मानकों में बदलाव से गौला में अब होगी 2.16 करोड़ कुंतल अधिक निकासी

-प्रदेश में उपखनिज निकासी को अब भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर तीन जोन

-मानकों में ढील से लगेंगे नए क्रशर

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इन्होंने कहा :

खनन नीति को कैबिनेट ने एक माह पूर्व ही स्वीकृति प्रदान कर दी थी। बढ़ी रायल्टी दरों का खनन कारोबारियों द्वारा विरोध किए जाने के चलते सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है। शासन की मंजूरी के बाद ही नई खनन नीति लागू हो सकेगी।

-राज पाल लेघा, उपनिदेशक खान विभाग, कुमाऊं


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