लोक सूचना अधिकारी पर 25 हजार जुर्माना
जागरण संवाददाता,गदरपुर : मागी गई सूचना के प्रति लापरवाही दिखाना लोकसूचना अधिकारी को भारी पड़ गया। उत्
जागरण संवाददाता,गदरपुर : मागी गई सूचना के प्रति लापरवाही दिखाना लोकसूचना अधिकारी को भारी पड़ गया। उत्तराखंड सूचना आयोग ने लोक सूचना अधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है। साथ ही जिलाधिकारी को प्रशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
वार्ड नंबर छह निवासी यूनुस उस्मानी ने 14 मई 2014 को तहसील मुख्यालय में सूचना का अधिकार अधिनयम-2005 के तहत सात बिंदुओं पर सूचना मागी थी। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी नायब तहसीलदार ने जो सूचना उपलब्ध कराई उनसे आवेदक संतुष्ट नहीं हुआ। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश 13 जनवरी 2015 से भी वह संतुष्ट नहीं हुए। छह फरवरी 2015 को द्वितीय अपील उत्तराखंड सूचना आयोग में दर्ज कराई। राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र कोटियाल ने 13 अप्रैल 2015 को अपील की सुनवाई करते हुए पाया कि लोक सूचना अधिकारी ने विषय को बेहद हल्केपन से लिया। इस पर आयोग ने अधिनियम 2005 की धारा 20 (2) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर आवेदक को पांच दिन के भीतर मागी गई सूचनाएं देने का आदेश दिया था। 12 मई 2015 को स्पष्टीकरण सहित आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का फरमान भी नहीं माना गया। इस पर सूचना आयुक्त कोटियाल ने लोक सूचना अधिकारी पर 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25 हजार रुपये की धनराशि का जुर्माना ठोका है। ऊधमसिंह नगर के डीएम को निर्देशित किया कि वह लोक सूचना अधिकारी के जून एवं जुलाई के वेतन से दो समान किस्तों में कटौती कर सामान्य प्रशासन विभाग, उत्तराखंड शासन, देहरादून के राजस्व खाते में जमा कराएं।