हाईटेंशन ने बढ़ाई टेंशन
जागरण संवाददाता, काशीपुर : हाइटेंशन लाइन ने रविवार को फिर टेंशन बढ़ा दी। घरों की छतों से गुजर रही 11
जागरण संवाददाता, काशीपुर : हाइटेंशन लाइन ने रविवार को फिर टेंशन बढ़ा दी। घरों की छतों से गुजर रही 11 हजार केवीए की लाइन आपस में टकरा गई। इससे एक घर के मीटर व उपकरणों में आग लग गई। जबकि कॉलोनी के एक दर्जन से अधिक घरों के उपकरण अचानक हुए फाल्ट से फुंक गए। तेज धमाके की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले सड़कों पर आ गए। ऊर्जा निगम को सूचना दी, लेकिन काफी देर तक कोई अधिकारी, कर्मी नहीं पहुंचा। आक्रोशित लोगों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की ठानी है।
घटना आइटीआइ क्षेत्र की कॉलोनी केशवपुरम की है। दोपहर करीब एक बजे कॉलोनी निवासी रामजी सिंह के यहां तेज धमाके के साथ घर के बिजली के बल्ब, पंखे, कूलर आदि फुंक गए। बाहर लगा मीटर और कमरे में लगे पंखे से चिंगारी निकलने लगी। बाद में आग लग गई। घबराए रामजी के परिवार वाले सड़क पर आ गए। रामजी को फोन पर जानकारी दी तो वह भागे हुए घर पहुंचे। पता चला कि 11 हजार केवीए की लाइन आपस में टकरा गई, जिससे फाल्ट हुआ। सड़क पर केबिल टूटकर गिर गई। देखते ही आसपास के लोग भी सड़कों पर निकल लाए। उन्होंने भी अपने घर के उपकरण फुंकने की बात कही। रामजी ने बताया कि घर में परिवार के छह तथा दो किराएदार रहते हैं। घर में अचानक बिजली मीटर व उपकरणों में आग लग गई। कोई जनहानि नहीं हुई। बताया कि यहां 11 हजार और 33 हजार केवीए की लाइन गुजर रही है। तार झूल रहे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी विभागीय अधिकारी तवज्जो नहीं देते हैं।
कोई नहीं पहुंचा अधिकारी
कॉलोनी के लोगों ने ऊर्जा निगम के लोगों को फोन पर जानकारी दी, लेकिन काफी देर तक कोई नहीं पहुंचा। बाद में कहीं जाकर एक जेई पहुंचे तो वह लाइन उनके अंडर में नहीं थी। इससे लोगों में खासा रोष रहा।
एक दर्जन घरों की बत्ती गुल
केशवपुरम में हाइटेंशन लाइन टकराने के बाद हुए फाल्ट से एक दर्जन घरों की बत्ती गुल हो गई। इसे ठीक कराने को लेकर सब परेशान नजर आए। इससे महेश चंद्र, शांति देवी, दुर्गाप्रसाद, शशि, अशोक सुधीर पाठक, मिथलेश, महेंद्र शर्मा, श्याम कुमार आदि के घरों की बत्ती गुल हो गई।
पहले भी हो चुका है हादसा
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि पहले भी बिजली से हादसे हो चुके हैं, लेकिन निगम ने फिर भी कोई सुध नहीं ली।
वर्जन
हाईटेंशन लाइन आपस में टकराई नहीं, बल्कि रेंज में आई थी। लाइन चालू करा दी गई है। हाईटेंशन लाइन करीब तीस साल पुरानी है। बाद में मकान बने हैं। लाइन को एकदम हटाया नहीं जा सकता है। इसकी लंबी प्रक्रिया है।- प्रकाश सहाय, एसडीओ