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कार सेवा प्रमुख यदि सही तो संपत्ति करे वापस

संवाद सूत्र, जसपुर : गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में डेरा कार सेवा और सिख संगत के बीच जारी विवाद दिन

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 11:48 PM (IST)
कार सेवा प्रमुख यदि सही तो संपत्ति करे वापस

संवाद सूत्र, जसपुर : गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में डेरा कार सेवा और सिख संगत के बीच जारी विवाद दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है। जिसके चलते गुरुद्वारा सुधार कमेटी की बैठक में एक बार फिर हरियाणा दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखड गुरुद्वारा एक्ट बनाने व बाबा तरसेम सिंह द्वारा नाम कराई गई भूमि आदि को गुरुग्रंथ साहिब जी के नाम वापस कराने का भी संकल्प लिया।

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शुक्रवार को तराई के सिखों की एक पंचायत गुरुद्वारा साहिब में संपंन हुई, जिसमें कहा गया कि यह मामला धर्म से जुड़ा है इसमेकिसी को भी गुरु साहिब की संपत्ति पर कब्जे करने का अधिकार नहीं है। सर्व प्रदेश गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र सिंह लाडी ने कहा कि हमारा कार सेवा से कोई विवाद नहीं है और न हम चाहते है बशर्र्ते बाबा तरसेम सिंह स्वयं पहल कर गुरु नानक देव की धरती जितनी भी अपने नाम कराई है, वह एक-एक इंच गुरु साहिब के नाम वैसे ही कराए जैसे अपने नाम कराई है ।

अकाली दल मान के पूर्व अध्यक्ष व गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब विवाद में पक्षकर जसविंदर सिंह गिल के पुत्र विक्रम गिल ने कहा कि सभी विवादों का हल गुरुद्वारा एक्ट है। उसके लिये सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कार सेवा पर हमला बोलते हुए कहा कि गुरु घर को नुकसान पहुचाने वाली यह कार सेवा संगत के हित में नही है। बताते चले कि उपरोक्त मामले को लेकर पूरे प्रदेश में जगह-जगह बैठक जारी है। सौ लोगों की कमेटी बनाने के क्रम में बीस और लोगो को जोड़ा गया। मुख्यमंत्री से मिलकर एक्ट संबंधी वार्ता करने पर सहमति व्यक्त की गई। इस दौरान अन्य वक्ताओं का मत था कि जब तक विवाद का हल नहीं होता यह कार सेवा बंद कर देनी चाहिए। वहीं एक मत से सभी ने गरुद्वारा नानकमत्ता साहिब का हल गुरुद्वारा एक्ट बना कर निकालने, गुरुद्वारों का प्रबंधन संगत द्वारा चुनी गई कमेटियों के द्वारा संचालित किए जाने की मांग की गई। इस मौके पर मंजीत सिंह, पंचायत सुरजीत सिंह ढिल्लो, गुरचरण सिंह ढिल्लो, सुखदेव सिंह, दलजीत सिंह रंधावा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, जरनेल सिंह काली आदि मौजूद थे। पंचायत के दौरान वक्ताओं ने कहा कि उपरोक्त मामले को लेकर आठ वर्ष से लगातार हरमंदर साहिब के जत्थेदार साहिब से समय-समय पर वार्ता की गई, लेकिन हल नही निकाला गया। कहा कि इतना हल्ला होने के बाद भी न तो एसपीजी ने कोई दखल नहीं दिया और न ही जत्थेदार साहिबान ने।


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