पत्नी का प्रेमी निकला राजेंद्र का हत्यारा
जागरण संवाददाता, काशीपुर: एक साल पहले संदिग्ध हालात में गायब हुए राजेंद्र का हत्या उसकी पत्नी का प्र
जागरण संवाददाता, काशीपुर: एक साल पहले संदिग्ध हालात में गायब हुए राजेंद्र का हत्या उसकी पत्नी का प्रेमी निकला। सोमवार को कुंडा थाना में सीओ प्रकाश चंद्र आर्या ने बताया कि खुद की हत्या के डर से उसने अपने साथी के साथ मिलकर राजेंद्र को ठिकाने लगाया।
कुंडा थाना क्षेत्र के गांव भरतपुर निवासी राजेंद्र (30) पुत्र मंगल सिंह 11 जून 2014 को गायब हो गया। सात जून 2015 को एएसपी कमलेश उपाध्याय से मिलकर बूढ़ी मां ननिया ने बेटे राजेंद्र की हत्या की आशंका जताई और जांच की मांग की। ननिया ने बहू परमजीत पर प्रेमी के साथ मिलकर बेटे को मरवाने का आरोप लगाया था। एएसपी ने कुंडा एसओ को गहनता से जांच पड़ताल के निर्देश दिए। पुलिस ने ग्राम भरतपुर के ऋषिपाल एवं राजेंद्र की पत्नी परमजीत कौर से पूछताछ की और साक्ष्य जुटाने के बाद इन्हें परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया। फिर राजेंद्र और ऋषिपाल की पिछले साल की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो राजेंद्र की लोकेशन भतरौंजखान अल्मोड़ा निकली। कुंडा पुलिस ने अल्मोड़ा पुलिस से जानकारी जुटाई। भतरौंजखान में मिले शव के कपड़ों की पहचान राजेंद्र के कपड़ों के रूप में हुई। 26 जून को मृतक राजेंद्र के भाई मुकेश की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए ऋषिपाल और मालधन चौड़ नंबर दोके रामप्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। सख्ती पर दोनों ने सच कबूल कर लिया।
ऋषिपाल ने पुलिस को बताया कि उसे राजेंद्र से अपनी जान को खतरा हो गया था। राजेंद्र को उसकी पत्नी और उसके अवैध संबंधों का पता चल चुका था। वह उसकी हत्या करने का प्लान बना रहा था। इसलिए पिछले वर्ष 11 जून को राजेंद्र को नौकरी दिलाने के बहाने उसे ले गया था। साथी रामप्रसाद के साथ रामनगर पहुंचे जहां से शराब और नमकीन खरीद घट्टी थाना भतरौंजखान अल्मोड़ा में शराब पी। राजेंद्र को अधिक शराब पिलाने के बाद मौका लगते ही उसके सिर और चेहरे पर पास में पडे़ पत्थरों से वार कर राजेंद्र की हत्या कर दी, और शव गधेरे में फेंक दिया।
एक साल तक कुंडा पुलिस करती रही गुमराह
पिछले साल जून में राजेंद्र गायब हुआ था। खुलासे के दौरान मां ननिया ने बताया कि उसका बेटा जब गायब हुआ था, इसके दो दिन बाद जब पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने एक न सुनी और भगा दिया। बाद में भी थाने में न तहरीर ली, न ही रिपोर्ट दर्ज की। हताश होकर इंतजार में पूरा साल कट गया।
सीओ बोले, नहीं लिखाई थी रिपोर्ट
-खुलासा करते हुए सीओ प्रकाश चंद्र आर्या ने बताया कि मृतक राजेंद्र की परिवार की ओर से कोई गुमशुदगी की तहरीर नहीं दी गई थी। लिहाजा जांच इतने दिन प्रभावित रही।