पांच लड़कियों की हालत फिर बिगड़ी
जागरण संवाददाता, काशीपुर: छह दिन से पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी के बीच रह रहे कुंडा के शिवराजपुर पट्ट
जागरण संवाददाता, काशीपुर: छह दिन से पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी के बीच रह रहे कुंडा के शिवराजपुर पट्टी गांव के ग्रामीणों को राहत नहीं मिली है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के गांव में फिर मरीजों की जांच कर दवा देने के प्रशासन के दावे झूठे साबित हुए। सुबह से शाम तक स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नहीं पहुंची। इससे पेट दर्द से ग्रसित पांच लड़कियों की हालत बिगड़ गई। इससे गांव में फिर दहशत फैल गई। परिजन लड़कियों को लेकर जसपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां के हालत और भी खराब थे। चिकित्सक ही नहीं थे, इस पर मजबूरन लड़कियों को विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल की क्लीनिक ले जाया गया।
विधायक डॉ.सिंघल के दवा देने पर लड़कियों की हालत में सुधार हुआ। सोनिया, कंचन, सीमा, पुष्पा और प्रीति की हालत बिगड़ी थी। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही शिवराजपुर गांव के खौफजदा ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग गांव में जन्मी पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि रविवार को प्रशासन ने दैनिक जागरण में प्रमुखता से पेट दर्द की बीमारी का समाचार छपने की वजह से डरकर गांव में जाकर उपचार किया। इसके बाद हवा में कह दिया कि ग्रामीणों को अब कोई दिक्कत नहीं होगी। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार नजर रखेगी, लेकिन प्रशासन के दावों की पोल सोमवार को खुलकर सामने आ गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम तो गांव पहुंचना दूर, एक भी डॉक्टर ने गांव की तरफ झांककर नहीं देखा। इससे जिनके पेट में दर्द कई दिनों से है, उनमें से पांच लड़कियों की हालत बिगड़ गई थी।
शाम को जल निगम टीम पहुंची गांव
- सोमवार की शाम को जल निगम की टीम शिवराजपुर पट्टी गांव पहुंची और ग्रामीणों को पानी में डालने के लिए क्लोरीन और ब्लीचिंग की गोलियां दीं और उबला पानी पीने पर जोर दिया।
प्रदूषित जल से हैंडपंपों का पानी दूषित होने की आशंका
- ग्रामीणों की आशंका है कि प्रदूषित जल से गांव के हैंडपंपों का पानी दूषित हुआ है। गांव के नजदीक एक फैक्ट्री बताई जा रही है।
वर्जन
- मरीजों के खून की जांच में लीवर इंफेक्शन सामने आया है। पानी की जांच में कैल्शियम और मैग्नीशियम ज्यादा पाई गई है। इससे डायरिया होने के संकेत मिले लेकिन पेट दर्द की घातक बीमारी से किसी की मौत होने के संकेत नहीं मिले। मैंने सीएमएस से कह दिया था कि गांव में किसी को भेज देना। सीएमएस से बात हुई तो वह कह रहे हैं कि एएनएम को गांव में भेजा था।
विनीत कुमार, एसडीएम, जसपुर