प्रदेश की 27 कंपनियों पर केस दर्ज
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : राजकोष में कर जमा किए बिना फर्जी तरीके से आइटीसी (वैट इनपुट टैक्स क्लेम)
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : राजकोष में कर जमा किए बिना फर्जी तरीके से आइटीसी (वैट इनपुट टैक्स क्लेम) का लाभ लेती कंपनियों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर पड़ गई। पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर विभाग की टीम ने ऐसी 27 कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही 25 करोड़ का जुर्माना ठोका है। कंपनियों में पांच ऊधमसिंह नगर की, जबकि बाकी हरिद्वार व देहरादून की हैं।
प्रकाश में आई कंपनियां राज्य के भीतर खरीद-बिक्री के मामलों में बिना राजकोष में कर जमा किए आइटीसी का लाभ प्राप्त कर रही थीं। इनके द्वारा फर्जी बिलों के आधार पर खरीद-बिक्री के समव्यवहार घोषित करते हुए गलत तरीके से आइटीसी का क्लेम भी किया गया। वाणिज्य कर विभाग की वेबसाइट में ऑनलाइन घोषित विवरणियों का सत्यापन करने एवं विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा इन फर्मो की जांच की गई तो विभाग को गोलमाल का पता लगा। साफ हो गया कि इन फर्मो ने आपराधिक षडयंत्र रचकर कूट रचित प्रपत्रों के आधार पर निजी लाभ अर्जन कर आइटीसी का क्लेम कर राजस्व को 25 करोड़ की हानि पहुंचाई।
प्रदेश के आयुक्त कर दिलीप जावलकर ने बताया कि ऐसी 27 कंपनियों पर धोखाधड़ी के अलग-अलग थानों में मुकदमे पंजीकृत कराए गए हैं। इनमें 19 कंपनियां हरिद्वार जिले के रुड़की, रानीपुर, बहादराबाद व ज्वालापुर की हैं। जबकि देहरादून की तीन व ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर व बाजपुर की पांच कंपनियां प्रकाश में आई हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की कर चोरी में और भी कंपनियां चिन्हित की गई हैं, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
इन कंपनियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
ऊधमसिंहनगर की ग्लोबल ट्रेड लिंक एंड इंजीनियर्स, चौहान ट्रेडर्स, शिवम ट्रेगिंग कंपनी, कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी, जेडी इंटरप्राइजेज, हरिद्वार की कोलंबिया सेल्स, ज्वालापुर की पंचांग इंटरप्राइजेज, मयंक ट्रेडिंग, इंडियन ट्रेडर्स, इंपेक्स इंडिया लि, ऐवरग्रीन ट्रेडिंग, प्रसाद ट्रेडर्स, संजीवनी इंटरप्राइजेज, बहादराबाद की नंदिनी ट्रेडर्स, सुनहरा, रुड़की की बांके ट्रेडर्स, उत्तरांचल जनरल आडर्स, तुलसी ट्रेडि़ग, बीआर इंटरप्राइजेज, वर्धमान इंटरप्राइजेज, प्रीसीजन इंजीनियरिंग, अरुण सेल्स कॉरपोरेशन, उपकार ट्रेडर्स, आशीष इंटरप्राइजेज, ग्रोवर सेल्स कॉरपोरेशन, देहरादून की बालाजी एसोसिएट्स, अग्रवाल ट्रेडर्स, परम इंटरप्राइजेज।