ट्रेन के साथ घिसटती चली गई कार
जागरण संवाददाता, किच्छा : सिरोली कलां स्थित मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे की लापरवाही तीन पर भार
जागरण संवाददाता, किच्छा : सिरोली कलां स्थित मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे की लापरवाही तीन पर भारी पड़ गई। रविवार को क्रॉसिंग पर फाटक न होने से ट्रेन ने कार को अपनी चपेट में ले लिया। इससे कार ट्रेन के साथ काफी दूर तक घिसटती चली गई। हादसे में कार सवार दो और ट्रेन की खिड़की पर बैठा बरेली का एक यात्री घायल हो गया। घायलों को सुशीला तिवारी अस्पताल, हल्द्वानी रेफर किया गया है।
रविवार को आदिल अहमद पुत्र अजीज अहमद निवासी आवास विकास साथी हरपाल पुत्र धर्म सिंह निवासी सिरोली कलां के साथ वैगन आर कार (यूके 06 के 7217) से कहीं जा रहा था। सिरोली कलां स्थित मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक नहीं है। इस वजह से आदिल ने कार आगे बढ़ा दी लेकिन सामने से आती ट्रेन उन्होंने देखी नहीं। इसी बीच लालकुआं से बरेली जा रही ट्रेन (05310) ने कार को चपेट में ले लिया। इससे ट्रेन की खिड़की में कार फंसकर काफी दूर तक घिसटती चली गई। इससे खिड़की पर बैठा बरेली निवासी शशांक सक्सेना भी चोटिल हो गया। दुर्घटना के बाद चालक ने ट्रेन रोक दी। हो-हल्ला सुन आसपास के काफी लोग बड़ी संख्या में वहां एकत्र हो गए। स्थानीय लोगों ने कार में फंसे आदिल व हरपाल को कड़ी मशक्कत कर बाहर निकाला। उन्हें निजी वाहनों से उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को एसटीएच, हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। वहीं, आपातकाल सेवा 108 से आदिल को हल्द्वानी लाया गया।
आधा घंटा देर से रवाना हुई ट्रेन
ट्रेन की खिड़की में कार बुरी तरह फंस गई थी। इस कारण ट्रेन आगे नहीं बढ़ पा रही थी। चालक ने रेल कर्मियों की मदद से ट्रेन को आगे-पीछे कर ट्रेन को कार से अलग किया। इस दौरान स्टेशन मास्टर वीके देव भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद ही ट्रेन बरेली के लिए रवाना हो पाई। इस दौरान ट्रेन आधा घंटा दुर्घटना स्थल पर ही खड़ी रही।
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पुलभट्ठा पुलिस ने सामान कब्जे में लिया
दुर्घटना की सूचना पर पुलभट्ठा एसओ आरएस ढांगी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कार में मिले कागजात व अन्य महत्वपूर्ण सामान अपने कब्जे में लिया।
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स्वीकृति के बाद भी नहीं लगा गेट
सिरोली कलां स्थित मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर गेट की अनुमति मिल चुकी है। इसके बाद वहां पर गार्ड के लिए कमरे का निर्माण भी करा दिया गया है लेकिन फाटक जो सबसे महत्वपूर्ण है उसको छह माह बाद भी रेलवे नहीं लगा पाया। इस कारण लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।