खनन पर जुर्माना तो होता है पर वसूली नहीं
सितारगंज : खनन के खिलाफ प्रशासन व राजस्व विभाग द्वारा जुर्माना तो डाल दिया जाता है, लेकिन उसे वसूला
सितारगंज : खनन के खिलाफ प्रशासन व राजस्व विभाग द्वारा जुर्माना तो डाल दिया जाता है, लेकिन उसे वसूला नहीं जाता है। यही कारण है कि अवैध खनन तेजी से हो रहा है। यहां भी प्रशासन व राजस्व विभाग अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजकर इतिश्री कर लेते हैं। जिसके चलते खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
पिछले साल 20 नवंबर 2014 को तत्कालीन एसडीएम ईला गिरी ने तहसीलदार आरसी गौतम के साथ मिलकर उकरौली में छापा मारा था। जहां उन्हें गल्फार कंपनी द्वारा 50 हजार घनमीटर अवैध खनन मिला था। इसके अलावा कंपनी द्वारा 40,480 घन मीटर अवैध भंडारण किया गया था। जिस पर कंपनी के ऊपर तीन करोड़ 15 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका गया था। साथ ही इसकी रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई थी। इसके बाद 22 जनवरी 2015 को तत्कालीन एसडीएम पूरन सिंह राणा ने भगवती स्टोन क्रशर पर 2498 घनमीटर अवैध भंडारण मिलने पर 11,49,100 रुपये को जुर्माना लगाया गया था। वहीं, 23 जनवरी 2015 को पीलीभीत रोड स्थित गल्फार कंपनी के भंडारण पर एसडीएम ने छापा मारा था। जहां उन्हें 41,087 घन मीटर अवैध भंडारण मिला। उन्होंने 1,85,14,498 रुपये का जुर्माना किया। 23 जनवरी को ही टीम ने नया गांव स्थित लक्ष्मी स्टोन क्रशर पर भी कार्रवाई की थी। यहां एक हजार घनमीटर अवैध भंडारण पाया गया था। एसडीएम ने आठ लाख 38 हजार 600 रुपये का जुर्माना डाला था। 27 जनवरी को एसडीएम ने राजस्व विभाग की टीम के साथ गल्फार कंपनी के ही उकरौली स्थित भंडारण की जांच की। टीम को 9740 घनमीटर अवैध भंडारण मिला, जिसे लेकर कंपनी पर 22,63,638 रुपये की पेनाल्टी की गई। 30 जनवरी को एसडीएम राणा ने प्रसाद एंड कंपनी प्रोजेक्ट वकर्स फेस-टू पर जाकर भंडारण की जांच की। जिसमें 9634 घनमीटर अवैध स्टॉक मिला। साथ ही 60 हजार घन मीटर अवैध मिट्टी बरामद हुई। जिस पर राजस्व विभाग की टीम ने 94,89,350 रुपये का जुर्माना ठोंका था, लेकिन अभी तक किसी से भी जुर्माना वसूल नहीं किया गया है। विभागीय लापरवाही का खनन माफिया पूरा फायदा उठाते हैं।