वनकर्मी की जेल में हुई हत्या
खटीमा : दो दिन पूर्व हल्द्वानी जेल में संविदा वनकर्मी की मौत के मामले में परिजन व ग्रामीण भड़क उठे। उन्होंने तहसील में प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि मृतक के शरीर पर गहरे जख्म बने हुए थे। जिससे उनकी हत्या की पुष्टि होती है। पुलिस मामले को दबा रही है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
छिनकी के ग्रामीण सोमवार को पीडि़त परिवार के साथ लामबंद होकर तहसील पहुंचे और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। मृतक प्रकाश रावत के बड़े भाई खड़क सिंह रावत ने कहा कि उसका छोटा भाई 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था। जिसे 21 को हल्द्वानी जेल भेजा गया। जिसका स्वास्थ बिलकुल ठीक था। 22 अगस्त को सूचना पर जब वह हल्द्वानी अस्पताल पहुंचे तो उसके भाई की मौत हो चुकी थी। उसके सिर व पीठ पर चोट के निशान बने थे। जिसकी वीडियो रिकार्डिग भी कराई है। जिससे साफ है कि उसकी हत्या की गई है। ग्रामीणों का कहना था कि मृतक की पत्नी व दो बच्चे हैं। जो बेहद गरीब हैं। परिवार के मुखिया की हत्या के बाद भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने मांग की है कि घटना की जांच स्वतंत्र जांच अधिकारी से कराई जाए। उन्होंने ज्ञापन उप जिलाधिकारी सीएस इमलाल को सौंपा। इस मौके पर मृतक के पिता खीम सिंह, पत्नी कलावती देवी के अलावा गीता सामंत, गंगा देवी, जानकी देवी, धाना देवी, जयंती, गोविंदी, मोहन सिंह रावत, गोपाल चड्ढा, नरेंद्र मेहरा, गोविंद तिवारी, ईश्वरी, भूपाल सिंह, धीरेंद्र भट्ट, कुंवर सिंह खनका, ठाकुर चड्ढा, चंद्रपाल सिंह, नायारण जोरा आदि थे।