मौत से हारा कारगिल का रणबांकुरा
काशीपुर : कारगिल की जंग जीतने वाला रणबांकुरा आखिरकार मौत से हार गया। सड़क हादसे में घायल जवान अस्पताल में जिदंगी के लिए 24 घंटे से अधिक समय तक लड़ा, आखिर में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उनके परिजनों की ओर से सौंपी तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मूल रूप से ग्राम तस्मौली गंगोलीहाट जिला पिथौरागढ़ निवासी हयात राम (54) पुत्र उमेद राम भूतपूर्व सैनिक थे। उन्होंने 1999 में पाक के साथ हुए कारगिल युद्ध में इंजीनियरिंग विभाग में महत्वपूर्ण सेवाएं दी थी। सेवानिवृत्ति के बाद वह हल्द्वानी में विद्युत विभाग में संविदा पर काम करने लगे थे। पत्नी के उपचार के खातिर उन्होंने करीब एक माह पूर्व अपना तबादला काशीपुर करवा लिया था। वह सीतारामपुर स्थित चार सौ केबीए पावर हाउस में काम कर रहे थे। उनके दो पुत्र व एक पुत्री पहाड़ में ही पढ़ाई कर रहे हैं। रविवार रात छुट्टी के बाद रामनगर रोड स्थित एक ढाबे में चाय पी रहे थे। इसी दौरान एक बेकाबू निजी बस ने उन्हें व उसके पास बैठे श्यामपुरम निवासी बसंत गिरी को रौंद दिया था। बसंत गिरी ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि आसपास के लोगों ने हयात को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया। उधर, मौका पाकर आरोपी चालक बस छोड़ फरार हो गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों का सौंप दिया। दोनों मृतको के परिजनों ने आरोपी चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। उधर पुलिस के मुताबिक आरोपी चालक की धर-पकड़ को दबिशें दी जा रही हैं। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।