अनूठे रणभूत जागर ने किया भावविभोर
संवाद सहयोगी, नई टिहरी : अखोड़ी गांव में युद्ध कथा पर आधारित हर तीसरे साल आयोजित होने वाला तीन दिनी र
संवाद सहयोगी, नई टिहरी : अखोड़ी गांव में युद्ध कथा पर आधारित हर तीसरे साल आयोजित होने वाला तीन दिनी रणभूत जागर संपन्न हो गया है। पहली बार मीडिया व संस्कृतिकर्मियों को जागर की रिकार्डिग की अनुमित दी गई है।
भिलंगना विकासखंड के अखोड़ी गांव का रणभूत जागर ऐतिहासिक घटना से जुड़ा है। अखोड़ी गांव में सदियों पहले कुमाऊं की ओर से भंडारियों के आक्रमण के दौरान रात के समय सोए हुए नेगी योद्धा धोखे से मारे गए। इस आक्रमण में केवल एक महिला जो कि गर्भवती थी, बच पाई थी। आगे चलकर उसी की संतान से नेगी परिवार आगे बढ़ पाए। धोखे से मारे जाने के कारण नेगी योद्धा भूत रूप में पूजे व नचाए जाने लगे। हर तीसरे वर्ष नेगी जाति के परिवार जागर आयोजित करते हैं। प्रख्यात जागरी व उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले इंद्रमणि बडोनी के सहयोगी संस्कृतिकर्मी शिवजनी के निर्देशन में तीन दिन व तीन रात तक जागर लगाया गया। जागर की खासियत यह है भी कि इसमें एक साथ ढोल, दमाऊं, डौंर, थाली व नगाड़े की ताल पर नेगी पश्वा नाचते हुए नंगी तलवारों व ढाल के साथ युद्ध कौशल का भी प्रदर्शन करते हैं। आयोजन के दौरान नेगी परिवारों के दिनेश ¨सह नेगी, प्रेम ¨सह नेगी, विजेंद्र ¨सह, प्रधान सरोप ¨सह मेहरा, उप प्रधान कुसुमा देवी, क्षेपं सदस्य विक्रम ¨सह, कुंवर ¨सह, शेरदास, भरपुरू आदि मौजूद थे।