गुरु कैलापीर के साथ दौड़े श्रद्धालु
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बूढ़ाकेदार क्षेत्र के तीन दिवसीय गुरु कैलापीर मेले के प्रथम दिन हजारों भक्तो
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बूढ़ाकेदार क्षेत्र के तीन दिवसीय गुरु कैलापीर मेले के प्रथम दिन हजारों भक्तों ने कैलापीर देवता के निशान के साथ दौड़ लगाकर मन्नत मांगी। दौड़ को देखने के लिए घरों, दुकानों की छत व आंगन खचाखच भरे थे।
रविवार को प्रात: पांच बजे गुरू कैलापीर देवता की स्नान के बाद पूजा-अर्चना की गई। तड़के से ही देवताओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे थे। दोपहर एक बजे बूढ़ाकेदार सहित मेढ़, मरवाड़ी, निवालगांव, तितुरणा, कोटी के अलावा उत्तरकाशी जिले के नेल्डा व गाजणा कठूड़ के लोग ढोल व दमाऊं के साथ मंदिर परिसर पहुंचे। परंपरा के अनुसार लोगों ने सीटी बजाकर देवता को मंदिर से बाहर आने का आह्वान किया। ठीक डेढ़ बजे गुरू कैलापीर को मंदिर से बाहर निकाल भक्तों ने दर्शन किए। इसके बाद देवता को लेकर ग्रामीण पुंडारा सेरा के खेतों में पहुंचे और देवता के साथ ही सात चक्कर दौड़ लगाई। अंतिम दौड़ में देवता को धान की सुखी पुआल चढ़ाई गई। इसे धान की अधिक पैदावार व क्षेत्र की खुशहाली के लिए शुभ माना जाता है। इस ऐतिहासिक क्षण को कई लोगों ने अपने कैमरों में कैद किया। बाद में सभी को आर्शीवाद देने के बाद कैलापीर वापस मंदिर में प्रविष्ट हुए। उसके बाद लोगों ने मेले में खरीददारी की। इससे पूर्व शनिवार शाम को मंगशीर की दीवाली मनाई गई। इस मौके पर पूर्व विधायक बलवीर सिंह नेगी, प्रमुख विजय गुनसोला, मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह नेगी, धनीलाल शाह, जिपंसदस्य कैलाशी देवी, रजनी राणा, हिम्मत रौतेला, रामानुज बहुगुणा, गोविंद सिंह राणा, सुखदेव बहुगुणा, पूरब सिंह पंवार, बिहारी लाल, सुरेश भाई, चंद्रवीर सिंह नेगी, तेजराम सेमवाल आदि मौजूद थे।