मनरेगा में ढाई लाख की कर चोरी
जागरण प्रतिनिधि, नई टिहरी: जनपद में मनरेगा के तहत भले ही पारदर्शिता की बात कर रही हो लेकिन जिस प्रकार लाखों का गोलमाल उजागर हो रहा है उससे योजना की कुछ और ही तस्वीर सामने आ रही है। जिम्मेदार लोग कार्यो के नाम पर फर्जी बिल बनाकर सरकार को कर चोरी के रूप में लाखों का चूना लगा रहे हैं।
प्रतापनगर प्रखण्ड की तीन ग्राम पंचायतों में योजना में काम करने वालों ने फर्जी बिल बनाकर लाखों की कर चोरी की है। भरपुरिया गांव में 10 लाख 785 रुपये के सीमेंट, रेत, बजरी क्रय दिखाया गया है और बाद में फर्जी बिल लगाकर एक लाख 41 हजार 501 रुपये की कर चोरी की गई है। सामग्री का क्रय पंजीकृत फर्म से न दिखाकर ऐसी फर्मो के बिल प्रस्तुत किए गए जो फर्म कहीं है ही नहीं। ग्रामीण बुद्धि सिंह पंवार ने अक्टूबर माह में मनरेगा लोकपाल में इस मामले की शिकायत की थी, जिसमें लोकपाल ने पाया कि जिस फर्म के बिल प्रस्तुत किए गए उसका टिन नंबर व सेल टैक्स नंबर बिल में नहीं था।
यही स्थिति चौंधार गांव में है जहां तीन लाख 18 हजार की सामग्री भी भरपुरिया गांव की तरह फर्जी बिलों के माध्यम से क्रय कर 39 हजार आठ सौ रुपये की कर चोरी की गई है। इसकी शिकायत राम सिंह ने 23 मई को लोकपाल से की। जांच के बाद आरोप सही पाया गया। झिंवाली गांव किस्सा भी ऐसा ही है गांव में एक लाख, 21 हजार का सीमेंट फर्जी बिलों के आधार पर क्रय किया गया, जिसमें 15 हजार दो सौ रुपये का चूना सरकार हो लगाया गया। ग्रामीण सोहन सिंह ने इसकी शिकायत जुलाई माह में की।
ग्रामीणों की शिकायतों पर लोकपाल ने तीनों गांव में जांच कर आरोप सही पाए जाने पर दोषियों से दो लाख 57 हजार रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं।
कर वसूली के साथ जुर्माना भी
मनरेगा लोकपाल पदम सिंह नेगी का कहना है कि शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर जब जांच की गई तो मामला सही पाया गया जिसके बाद कर वसूली के साथ ही दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर