दो दर्जन से ज्यादा नहर क्षतिग्रस्त
संवाद सूत्र, घनसाली: विकास खंड भिलंगना मे विभिन्न जगहों पर बीते वर्ष क्षतिग्रस्त हुई दो दर्जन से अध
संवाद सूत्र, घनसाली: विकास खंड भिलंगना मे विभिन्न जगहों पर बीते वर्ष क्षतिग्रस्त हुई दो दर्जन से अधिक नहरों की मरम्मत का कार्य एक साल बाद भी पूरा नही हो सका है। इससे इस बार ग्रामीण काश्तकारों को धान की फसल से फिर से वंचित रहना पड़ेगा, लेकिन ¨सचाई विभाग इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नही है। इससे काश्तकारों मे विभाग के प्रति भारी आक्रोश है। लोगों ने शीघ्र ही नहरों की मरम्मत करने की मांग की है।
विकास खंड भिलंगना के केमर घाटी सहित अन्य जगहों पर बीते वर्ष मई माह मे भारी बारिश के कारण जगह जगह बादल फटने की घटना से जहां लोगों को घर खेत पेय जल लाईनें क्षतिग्रस्त हो गई थी वही सबसे अधिक नुकसान नहरों का भी हुआ है। सबसे अधिक केमर घाटी की नहरों का हुआ है। यहां 21 से अधिक बड़ी नहरें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। वही हाल क्षेत्र के भिलंग और पट्टी नैलचामी का है। जहां नहरों की मरम्मत पिछले एक साल से नही हो पाई है नहरों के निर्माण कार्य न होने से अब ग्रामीण काश्तकारों के सामने धान की रोपाई व बीज की बुआई के लिए समस्या पैदा हो गई है। काश्तकार अगर मार्च अप्रैल मे धान की बीज नही बो पाए तो वह जून जुलाई माह मे धान की फसल नही लगा पाएंगे ऐसे मे लोगों को कृषि भूमि बंजर होने की ¨चता सताने लगी है। ऐसा न नही है कि विभाग को इस बात की जानकारी न हो,लेकिन विभाग भी धन का रोना रो कर अपना पल्ला झाड़ने मे लगा है। केडी जोशी, आत्माराम, रजनी देवी, प्रमिला का कहना है कि सिचांई नहरों के क्षतिग्रस्त होने से लोगों की कई हेक्टियर कृषि भूमि बंजर होने के कगार पर है। उन्होंने ¨सचाई विभाग से शीघ्र ही क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत करने की मांग की है। इस संबध में ¨सचाई विभाग के सहायक अभियंता दीपक शर्मा का कहना है कि आपदा से क्षेत्र की 21 के करीब नहरें क्षतिग्रस्त हुई थी,लेकिन एक भी धन स्वीकृत नही हुआ है जबकि विभाग की ओर से 347 लाख का प्रस्ताव शासन और जिला मुख्यालय भेजा था, लेकिन धन न मिलने के कारण नहरी बन पाई है।