मौण पर्व पर अगलाड़ में उमड़ा सैलाब
संवाद सूत्र, नैनबाग: जौनपुर की संस्कृति का प्रतीक व राजशाही जमाने से चला आ रहा मौण मेला सोमवा र को अ
संवाद सूत्र, नैनबाग: जौनपुर की संस्कृति का प्रतीक व राजशाही जमाने से चला आ रहा मौण मेला सोमवा र को अगलाड़ नदी में मछली पकड़ने की परंपरा के साथ धूमधाम से मनाया गया। लोगों में इतना उत्साह था कि वे सुबह ढोल-नगाड़ों के साथ बड़ी संख्या में अगलाड़ नदी में पहुंचे और नदी में मौण (टिमरू का पाउडर)डाला। इसके बाद ग्रामीण मछली पकड़ने के लिए नदी में उतर गए। काफी देर तक मछली पकड़ने का सिलसिला चलता रहा।
सोमवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर ग्रामीण डोल-नगाड़ों के साथ अगलाड़ नदी में पहुंचे। नदी में पहुंचने के बाद परंपरा के अनुसार इस बार लालूर पट्टी के नौगांव के लोगों ने नदी में मौण डाला गया। मौण डालते ही मछली पकड़ने के लिए ग्रामीण नदी में उतर गए। काफी देर तक मछली पकड़ने का सिलसिला जारी रहा। नदी में मौण डालने से नदी कर रंग ही बदल गया। मछली पकड़ने के बाद कुछ देर तक ग्रामीणों ने नृत्य भी किया। मौंण मेला आये शांती सिंह मलियाल, बचन सिंह मलियाल, रणवीर सिंह राणा, बचन सिंह रावत आदि का कहना है कि मौंण मेला राजशाही के समय से चला आ रहा है। उनका कहना है कि काफी समय से लोग इसकी तैयारी में जुटे थे। मछली को पकड़ने के लिए टिमरू की पौध से मौण तैयार करने में काफी समय लगता है।
टिहरी नरेश ने शुरू की दी परंपरा
जौनपुर की अद्भूत लोक संस्कृति को देखकर टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने वर्ष 1866 में ने इसी स्थान पर पहुंचकर मौण मेला की शुरूआत की थी। जब से आज तक उसी उत्साह के साथ मौण मेला मनाया जाता है। मौण मेले के दौरान पकड़ी गई मछलियां खास तौर से टिहरी नरेश को भेजी जाती थी, लेकिन राजशाही समाप्त होने के बाद भी यह सिलसिला भी समाप्त हो गया, लेकिन मौण मेला आज भी क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
तीन जनपद के लोग शामिल होते
जौनपुर का प्रसिद्ध मौंण मेला में टिहरी, उत्तरकाशी व देहरादून तीन जनपद के गांव के ग्रामीण शामिल होते है। मेले में 114 गांव के दस हजार लोग मेले में शामिल होते हैं। इसमें मुख्य रूप से पटटी सिलावाड़, लालूर , इडवालस्यूं, छज्यूला, अठजूयला, गोडर, पालीगाड़, जौनसार कोरू, तपलाड़ आदि शामिल हैं।
फोटो 27 एनडब्ल्यूटीपी 6 - जौनपुर की अगलाड़ नदी में मौण मेले के दौरान मछली पकड़ने उतरे ग्रामीण। जागरण
फोटो 27 एनडब्ल्यूटीपी 7 - जौनपुर के मौण मेले में नदी में मछलियों की तलाश करते ग्रामीण। जागरण
फोटो 27 एनडब्ल्यूटीपी 8 - मौण मेले के दौरान अगलाड़ नदी में टेमरु का पाउडर डालते ग्रामीण। जागरण