जर्जर भवनों में पड़ रही उज्ज्वल भविष्य की नींव
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: जिले के प्रमुख इंटर कॉलेज भवनों की स्थिति जर्जर है। स्थिति यह है कि जिन बल्ल
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: जिले के प्रमुख इंटर कॉलेज भवनों की स्थिति जर्जर है। स्थिति यह है कि जिन बल्लियों के सहारे छत अटकी है वह भी सड़ गई हैं, इस कारण छत कभी भी टूट सकती हैं। इन हालात में छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं।
जिले में कुछ इंटर कालेज ऐसे है जो वर्षो से मरम्मत की इंतजारी में हैं। इन भवनों की मरम्मत न होने के कारण इनकी स्थिति खस्ताहाल हैं। बरसात में तो इन भवनों पर बैठना खतरे से खाली नहीं है। कई भवनों की तो छत टपकती है, इस कारण छात्रों को बैठने में परेशानी होती है तेज बारिश में कई विद्यालय की छुट्टी करवानी पड़ती है। स्थिति यह है कि छत कब नीचे आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। बारिश में छात्र कमरों में बैठने से डरते हैं। कुछ इंटर कालेज तो ऐसे हैं कि उन्हें बने हुए वर्षो बीत गए, लेकिन आज तक उनकी न तो मरम्मत हो पाई है और ना ही जर्जर इन भवनों के बदले नए भवन बनाए गए हैं। जर्जर भवन होने के कारण अभिभावकों को भी अपने बच्चों की चिंता बनी रहती है।
जर्जर इंटर कॉलेजों की स्थिति
राइंका रणाकोट, नैचौली, नागणी, बगासूधार, नागराजाधार, बंगियाल, पाली बेरगणी, लंबगांव, राइंका पौखाल।
कुछ जगहों पर नए भवनों का निर्माण चल रहा है, जबकि करीब 27 विद्यालयों के कक्षा कक्षों के निर्माण को जिला प्लान में रखा गया है।
डीसी गौड़
मुख्य शिक्षाधिकारी टिहरी गढ़वाल।