भवन बनाकर कर्तव्यों की इतिश्री
संवाद सूत्र, कंडीसौड़ : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की स्थिति बदतर होती जा रही है। कहीं, शिक्षक हैं
संवाद सूत्र, कंडीसौड़ : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की स्थिति बदतर होती जा रही है। कहीं, शिक्षक हैं तो छात्रों के बैठने के लिए कक्षाएं नहीं हैं और जहां कक्षाएं हैं वहां पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। कमोबेश यहीं स्थिति जूनियर हाईस्कूल रैदोणी की भी है। यह बस कहने को जूनियर हाईस्कूल है, लेकिन यहां शिक्षकों की कमी के कारण सिर्फ कक्षा छह की कक्षाएं ही संचालित होती हैं। कक्षा सात और आठ में पढ़ने वाले क्षेत्र के छात्रों को चार किमी दूर राइंका बांडा की दौड़ लगानी पड़ती है, जबकि इन छात्रों को यह सुविधा जूहा रैदोणी में मिल सकती थी।
थौलधार विकासखंड की गुसांई पट्टी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2009 में जूनियर हाईस्कूल स्वीकृत हुआ था। वर्ष 2012 में 9.50 लाख की लागत से भवन भी बनकर तैयार हो गया। लेकिन, भवन बनने के तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद विभाग को यहां शिक्षक भेजने की याद नहीं आई। इसकी वजह से यहां स्वीकृति तो कक्षा छह, सात और आठ को मिली थी। लेकिन, एक शिक्षक होने के कारण यहां सिर्फ कक्षा छह में दाखिले लेकर कक्षा का संचालन किया जा रहा है। वहीं कक्षा सात व आठ में पढ़ने वाले क्षेत्र के 45 छात्रों को चार किमी दूर राइंका बांडा की दौड़ लगानी पड़ रही है।
जुलाई 2015 में हुए प्रवेश
विद्यालय में एक शिक्षक भेजने की भी याद विभाग को जुलाई 2015 में आई। इसके बाद ही यहां कक्षा छह में दाखिले शुरू हुए और यहां 17 छात्रों ने प्रवेश लिया। जबकि, कक्षा सात और आठ में शिक्षक न होने के कारण दाखिले नहीं हो रहे हैं।
नाम का जूनियर हाईस्कूल
ग्राम प्रधान विरेंद्र सिंह का कहना है कि रैदोणी के अतिरिक्त क्षेत्र के गैर, क्यारी, वांडा, डंडी के गांवों के कक्षा सात व आठ में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए चार किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, जबकि विभाग अगर लापरवाही न करता तो उन्हें यह सुविधा यहीं उपलब्ध हो सकती थी।
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शीघ्र ही अध्यापकों की प्रोन्नति की सूची जारी होने वाली है। प्राथमिकता के आधार पर रैदोणी में शिक्षक भेजकर सात व आठ की कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
विनीता कठैत, उप शिक्षाधिकारी थौलधार