सरकारी खजाने से निकाले तीन लाख 30 हजार रुपये
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: जिलाधिकारी कार्यालय में तीन लाख 30 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया ह
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: जिलाधिकारी कार्यालय में तीन लाख 30 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया है। मामले में नाजिर ने तीन लाख 30 हजार रुपये तीन साल तक अपने पास निजी उपयोग के लिए रखे। वरिष्ठ कोषाधिकारी स्तर से हुई जांच में कर्मचारी को गबन का दोषी पाया गया है। डीएम ने एडीएम को मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
टिहरी जिलाधिकारी कार्यालय में वर्ष 2011 में तत्कालीन नाजिर राम लाल खत्री ने तीन लाख 30 हजार रुपये की धनराशि निकाली और उसका निजी उपयोग किया। तीन साल बाद नाजिर ने धनराशि को सरकारी खाते में जमा करा दिया। मामले का पता पिछले साल चलने पर डीएम युगल किशोर पंत ने वरिष्ठ कोषाधिकारी हिमानी स्नेही को इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की और रामलाल को इसमें दोषी पाया। 27 सितंबर 2014 को दी गई जांच में वरिष्ठ कोषाधिकारी हिमानी स्नेही ने लिखा कि तत्कालीन नाजिर ने तीन लाख 30 हजार रुपये का सरकारी धन अपने निजी उपयोग में प्रयोग किया। उसके तीन साल बाद वह धनराशि सरकारी खजाने में जमा करा दी गई। ऐसे में कर्मचारी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है जो गबन की श्रेणी में आता है। दोषी के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की गई है।
'डीएम स्तर से इस मामले की जांच के निर्देश मिले थे। जिसमें नाजिर रामलाल खत्री गबन का दोषी पाया गया है। रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है।'
हिमानी स्नेही, वरिष्ठ कोषाधिकारी, टिहरी गढ़वाल
'जांच में कर्मचारी दोषी पाया गया है। सरकारी धन की वसूली की जा चुकी है। अग्रिम कार्यवाही के लिए एडीएम को निर्देश दिए गए हैं।'
युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी, टिहरी गढ़वाल