मास्टर प्लान से संवरेगा टिहरी झील परिक्षेत्र
अनुराग उनियाल, नई टिहरी: देश और दुनिया में टिहरी झील की पहचान बनाने के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी
अनुराग उनियाल, नई टिहरी: देश और दुनिया में टिहरी झील की पहचान बनाने के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। दिल्ली की एक कंपनी को टिहरी झील परिक्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी ने पहले चरण का प्लान बनाकर प्रशासन और सरकार को सौंप दिया है। फाइनल प्लान दो माह बाद दिया जाएगा। इस मास्टर प्लान के तहत टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र का सुनियोजित विकास का तरीका बताया जाएगा।
टिहरी झील वर्ष 2006 से पहचान के लिए तरस रही है। 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशाल झील और उसके आसपास के क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की कंपनी आइआइडीसी के साथ करार किया था। करार के तहत झील के आसपास के 40 हजार एकड़ के क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाना है। कंपनी ने पहले चरण का प्लान बनाकर प्रशासन और सरकार को सौंप दिया है। चार करोड़ रुपये में कंपनी मास्टर प्लान बनाकर देगी। इस प्लान में झील के आसपास के क्षेत्र में निर्माण से संबंधित कार्य का उल्लेख किया जाएगा। कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास चंद्रा ने बताया कि अभी प्राथमिक चरण का प्लान दिया गया है। जल्द ही फाइनल प्लान दिया जाएगा।
अभी क्या है मास्टर प्लान में
-झील परिक्षेत्र के 45 प्रतिशत हिस्से में निर्माण के बावजूद हरियाली रखना। -संवेदनशील जोन में निर्माण कार्य न किया जाना
- चिन्हित क्षेत्र में ही सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना
-कूड़ा निस्तारण के लिए उचित व्यवस्था।
-पर्यटन के साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास
कंपनी ने मास्टर प्लान के पहले चरण के तहत रिपोर्ट दी है। संभवत: दो माह में फाइनल प्लान मिल जाएगा। झील के सुनियोजित विकास के लिए यह प्लान बनाया जा रहा है।
युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी, टिहरी गढ़वाल