गदेरों के पानी से बुझा रहे प्यास
संवाद सहयोगी, चम्बा: बागी और मठियाण गांव में आपदा से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइनों की मरम्मत आठ माह ब
संवाद सहयोगी, चम्बा: बागी और मठियाण गांव में आपदा से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइनों की मरम्मत आठ माह बाद भी नही की गई है। इस कारण ग्रामीण गदेरों से पानी ढोने को मजबूर हैं।
प्रखंड के दूरस्थ बागी व मठियाण गांव में पिछले साल अगस्त माह में आपदा से जो पेयजल लाइनें टूट गई थी उनकी मरम्मत आज तक नही की गई है। इस कारण ग्रामीणों को एक से डेढ़ किमी दूर के गदेरों से पानी लाना पड़ रहा है। जिस पानी को ग्रामीण पी रहे हैं वह स्वच्छ नही है। ग्रामीणों में रोष है कि वे कब तक इस समस्या से जूझते रहेंगे। जल संस्थान ने केवल एक लाइन की मरम्मत की जिससे सभी लोगों को पानी नही मिल पा रहा है। बागी में चार और मठियाण गांव में अभी दो पेयजल लाइनों की मरम्मत होनी है।
क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनें
बागी गांव -4
विभाग ने की मरम्मत -1
मठियाण गांव -2
विभाग ने की मरम्मत -1
-गर्मियों का सीजन आ गया है। कई लाइनें क्षतिग्रस्त हैं। इससे आने वाले दिनों में और परेशानी हो सकती है। इसलिए विभाग को सभी लाइनों की मरम्मत करनी चाहिए।
चैतराम बिजल्वाण
प्रधान बागी
-कुछ लाइनों की मरम्मत कर आपूर्ति सुचारू की गई है। आपदा मद से लाइनों की मरम्मत के लिए बजट नही मिल पाया जिस कारण सभी लाइनों की मरम्मत नही हो पाई।
नीरज त्रिपाठी
अवर अभियंता जल संस्थान चम्बा