करोड़ों निगलने के बाद भी अधर में पंपिंग योजना
जागरण संवाददाता, नई टिहरी : जिले की प्रमुख सारज्यूला पंपिंग योजना करोड़ों निगल गई, लेकिन अभी तक लोगों
जागरण संवाददाता, नई टिहरी : जिले की प्रमुख सारज्यूला पंपिंग योजना करोड़ों निगल गई, लेकिन अभी तक लोगों के हलक सूखे ही हैं। 20 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी दस साल से योजना पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में 37 गांव सहित 163 तोक की बीस हजार से ज्यादा की आबादी इस बार भी गर्मी में पानी के लिए तरसेगी।
जिला मुख्यालय की सारज्यूला पट्टी की पेयजल सुविधा के लिए वर्ष 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सारज्यूला पंपिंग योजना की शुरुआत की थी। उस वक्त 20 करोड़ रुपये की इस योजना के लिए समय सीमा मार्च 2012 तक निर्धारित की गई थी। 25 लाख रुपये टोकन मनी जारी होने के बाद सारज्यूला पंपिंग योजना का काम वर्ष 2007 में शुरू हुआ। लेकिन, दस साल बाद भी योजना अधूरी है। इन दस सालों में योजना पर जल निगम के दावों के मुताबिक सिर्फ 65 प्रतिशत काम हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि योजना का काम कितनी लापरवाही से किया गया। बीच में कई बार योजना की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे थे, लेकिन योजना के निर्माण में तब भी तेजी नहीं आई। जल निगम ने अभी निर्माण के लिए सिर्फ 27 टैंक बनाए हैं और एक गांव में लाइन बिछाई है। अन्य गांवों में तो अभी लाइन तक नहीं बिछाई जा सकी है।
इन क्षेत्रों को मिलना था लाभ
बागी, पांगरखाल, बालमा, बुडोगी, कुट्ठा, पाटा, पिपली, भटकोटी, सुरसिंगधार, नवागर, ज्ञानसू, क्यारी, पलाम, डोबरा, मड़, सगवाण गांव, कोटी, चवालखेत, घोंड़ाबागी, बटखेम आदि कई गांव और तोक।
प्राकृतिक स्रोत पर हैं निर्भर
सारज्यूला पट्टी के गांव अभी तक सिर्फ प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं। इन गांवों के पास जो कुछ गांव में ग्राम पंचायत की लाइनें हैं वह भी बेकार हैं। खासतौर पर गर्मियों में तो इस क्षेत्र में पानी का संकट विकराल हो जाता है। ऐसे में जल संस्थान को यहां पर टैंकर भेजकर पानी की सप्लाई करनी पड़ती है।
दस करोड़ और होंगे खर्च
बीस करोड़ खर्च होने के बाद जल निगम ने अब सारज्यूला पंपिंग योजना का रिवाइज इस्टीमेट बनाकर शासन को दिया है। दस करोड़ रुपये में अब अधूरी योजना को पूरा किया जाएगा।
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सारज्यूला पंपिंग योजना को पूरा करने के लिए दस करोड़ रुपये रिवाइज इस्टीमेट भेजा गया है। जल्द ही योजना पूरी होगी।
एसके जैन, अधिशासी अभियंता, जल निगम टिहरी गढ़वाल
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दस साल से योजना नहीं बन पाई है। जल निगम ने लापरवाही से काम किया। अगर जल्द योजना पूरी नहीं की गई तो जनता आंदोलन को मजबूर होगी।
रागिनी भट्ट, जिला पंचायत सदस्य, बागी, टिहरी गढ़वाल