ग्रामीण गरजे, एसडीएम गायब
संवाद सूत्र, कीर्तिनगर: मलेथा में पांच स्टोन क्रशरों को बंद करने का शासनादेश जारी करने की मांग को ले
संवाद सूत्र, कीर्तिनगर: मलेथा में पांच स्टोन क्रशरों को बंद करने का शासनादेश जारी करने की मांग को लेकर मलेथा के ग्रामीणों ने शनिवार को उपजिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद भी उपजिलाधिकारी प्रदर्शनकारियों से मिलने नहीं पहुंचे।
शनिवार को क्रशर के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोग ढुंडप्रयाग मोड़ तक बसों में भरकर पहुंचे। जिसके बाद ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ प्रदर्शन करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण अपने हाथों में तख्तियां लेकर स्टोन क्रशर हटाने की मांग क्षेत्रीय विधायक व सरकार से करते रहे। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया, लेकिन उपजिलाधिकारी कार्यालय में नहीं मिल। तीन घंटे तक उप जिलाधिकारी का इंतजार करने के बाद भी उपजिलाधिकारी प्रदर्शनकारियों से मिलने नहीं पहुंचे।
देव सिंह नेगी ने बताया कि रविवार को स्टोन क्रशरों के विरोध में ग्रामीण मलेथा तिराहे पर जारी धरना स्थल से क्रशरों तक शांति पूर्वक हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत जुलूस प्रदर्शन करेंगे। समाजसेवी अनिल स्वामी ने कहा कि जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के आंदोलन की अनदेखी कर रहे हैं। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखूरी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की मंशा मलेथा की धरती के प्रति सही होती तो ग्रामीणों को आंदोलन के लिए बाध्य नही होना पड़ता। ग्रामीणों ने अनशनकारी सीता देवी को जबरन उठाने का विरोध किया। इस मौके पर छात्र संघ के दर्शन दानू, पुष्पेन्द्र, दिव्यांशु बहुगुणा, सुधीर जोशी, बीज बचाओ आन्दोलन के विजय जडधारी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीनगर कृष्णा नंद मैठाणी, पीबी डोभाल, भवानी रावत, बिमला देवी, देव सिंह नेगी, रुकमणी देवी, सत्यानारायण सेमवाल, दलपतराम तिवाड़ी, कुशला नाथ,आदि मौजूद थे।
अनशन जारी
समीर रतूड़ी का अनशन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। समीर सीता देवी के स्थान पर अनशन पर बैठे थे। उनके समर्थन में चन्दा देवी, कमला देवी, क्वारा देवी, राजू देवी, देवेश्वरी देवी क्रमिक उपवार पर बैठी।
अस्पताल से मिली छुट्टी
अनशनकारी सीता देवी को दूसरे दिन शनिवार को बेस चिकित्सालय श्रीकोट में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जिसके बाद पुलिस उन्हें उनके घर मलेथा छोड़ा गई।
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मलेथा का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंचा
श्रीनगर गढ़वाल: मलेथा में स्टोन क्रेशरों को बंद किए जाने का मामला अब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग में भी पहुंच चुका है। डाल्यों का दगड़्या संगठन के सचिव डॉ. मोहन सिंह पंवार और पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोड़ा ने मलेथा में स्टोन क्रेशरों को बंद किए जाने को लेकर आयोग में संयुक्त रूप से अपील की है। उन्होंने कहा कि मलेथा में चल रहे जन आंदोलन पर सरकार चुप्प है। लोगों और बच्चों के अधिकारों का भी स्पष्ट हनन हुआ है। ग्रामीणों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके गांव में एक साथ पांच स्टोन क्रेशरों को मानकों के किस आधार पर स्वीकृति दी गई। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्वीकृति के आधार भी सार्वजनिक किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मार्च में परीक्षाएं आरंभ होने जा रही है और मलेथा के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आयोग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।