Move to Jagran APP

सड़क से दूरी बन रही मजबूरी

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : जनपद टिहरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी नापनी पड़ रह

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 05:22 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 05:22 PM (IST)
सड़क से दूरी बन रही मजबूरी

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : जनपद टिहरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी नापनी पड़ रही है। यहां सड़क सुविधा से महरूम गांवों के लिए बीमारों को सड़क तक पहुंचाने की चुनौती बनी हुई है। मरीज को लोग चारपाई या कुर्सी पर बैठाकर सड़क तक लेकर आते हैं, जबकि कई गांवों में खच्चर ही आपातकालीन सेवा की भूमिका निभा रहे हैं।

loksabha election banner

टिहरी जिले में आज भी ग्रामीणों को इलाज के लिए मीलों चलना पड़ता है। जिले के गंगी, पिंसवाड़, गिवांली, कोटी मगरौं, मंजखेत, घुल्डाणी आदि गांवों के ग्रामीण को इलाज के लिए आठ से दस किमी की दूरी नापनी पड़ रही है। बूढ़ाकेदार के दूरस्थ गांव पिंसवाड़, गेंवली के ग्रामीणों को अस्पताल के लिए पहले तो छह किमी पैदल चलना पड़ता था। लेकिन, पिछले साल आई आपदा के बाद झाला पुल का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से पिंसवाड़ व गिवाली के ग्रामीणों को 12 किमी चलकर बूढ़ाकेदार पहुंचना पड़ रहा है। जिले के गंगी गांव में सड़क सुविधा न होने से ग्रामीणों के लिए बीमारों को अस्पताल पहुंचाना चुनौती से कम नहीं है। यहां एएनएम सेंटर तो है, लेकिन अस्पताल की सुविधा नहीं है। यहां भी ग्रामीणों को 15 किमी दूर घूत्तू आना पड़ता है। चंबा प्रखंड का बनाली गांव भी सड़क सुविधा से वंचित है, जिस कारण ग्रामीणों को अन्य समस्याओं के अलावा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। यहां के ग्रामीण दस किमी पैदल चलकर नागणी अस्पताल पहुंचते हैं। यही स्थिति थौलधार प्रखंड के कोटी महरों, मंजखेत व प्रतापनगर के घुल्डाणी के ग्रामीणों की है। सड़क सुविधा से वंचित इन गांवों में लोगों को बीमार होने पर सबसे ज्यादा कष्ट उठाना पड़ता है। अलग राज्य बनने के बाद भी इन गांवों की तस्वीर नहीं बदली है। आज भी उन्हें स्वास्थ्य सुविधा के लिए जूझना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज भी ग्रामीणों को आठ-दस किमी की दूरी नापनी पड़ रही है। खासकर प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाना चुनौतीपूर्ण बना है।

भरत सिंह, ग्राम पिंसवाड़

सड़क सुविधा न होने से मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए लोगों को आज भी दस किमी की दूरी।

जगमोहन, बनाली गांव

जिस गांव में एएनएम व अन्य सुविधा नहीं है ऐसे गांव के लिए नजदीकी केंद्र से एएनएम को यह व्यवस्था सौंपी गई है।

डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, मुख्य चिकित्साधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.