Move to Jagran APP

शहीद का घर भी शहीदी के कगार पर

संवाद सहयोगी, चम्बा: प्रथम विश्व युद्ध के सेना नायक बीसी गबर सिंह का पैतृक मकान ऐतिहासिक धरोहर नही ब

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 08:49 PM (IST)
शहीद का घर भी शहीदी के कगार पर

संवाद सहयोगी, चम्बा: प्रथम विश्व युद्ध के सेना नायक बीसी गबर सिंह का पैतृक मकान ऐतिहासिक धरोहर नही बन पाया। इसे लेकर की गई घोषणाएं हवाई साबित हुई हैं। स्थिति यह है कि शहीद का मकान खंडहर होता जा रहा है। इस पर भी उसकी सुध लेने वाला कोई नही है। क्षेत्रीय विधायक व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै से लोगों को उम्मीद थी कि वे इस दिशा में कार्य करेंगे, लेकिन उन्होंने शहीद के पैतृक मकान को देखने की जरूरत तक नही समझी।

loksabha election banner

प्रथम विश्व युद्ध के सेनानायक चम्बा के नजदीकी मज्यूड़ गांव निवासी शहीद बीसी गबर सिंह की शहादत को सरकार व जनप्रतिनिधि भूलते जा रहे है। शहीद के मकान को ऐतिहासिक धरोहर बनाने की कई सरकारों ने घोषणाएं तो की, लेकिन वह धरातल पर नही उतर पाई। पर्यटन विभाग को शहीद के मकान को ऐतिहासिक धरोहर बनाने के उसे संग्राहलय के रूप में संवारना था। साथ ही उनसे जुड़े दस्तावेजों को एकत्र करना था, ताकि नई पीढ़ी के लोगों को उनके बारे में जानकारी मिल सके। क्षेत्रीय विधायक व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै से गांव के लोगों को उम्मीद थी कि वह शहीद के गांव की सुध लेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ करना तो रहा दूर कभी गांव में जाकर खंडहर हो रहे उनके मकान को देखने की कोशिश भी नही की।

10 मार्च 1895 को मज्यूड़ गांव में पैदा हुए द्वितीय गढ़वाल राइफल के जवान बीसी गबर सिंह ने प्रथम विश्वयुद्ध 1915 में ब्रिटिश सेना की ओर से लड़ते हुए जर्मन सेना के सैकड़ों सैनिकों को मार गिराया था। साथ ही तीन सौ से अधिक सैनिकों को आत्म समर्पण के लिए मजबूर किया। इस युद्ध में वह वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत विक्टोरिया क्रास सम्मान दिया गया।

--------

शहीद की शहादत को करीब सौ साल हो चुके है, लेकिन अभी तक उनके नाम से गांव में कुछ नही बना है। जो पैतृक मकान है, उसका संरक्षण भी नही किया जा रहा।

इंद्र सिंह नेगी

निवासी मज्यूड़ गांव व अध्यक्ष पूर्व सैनिक संगठन

शहीद के गांव में कोई सुविधा नही है। जो घोषणा की गई थी उन पर भी कोई कार्यवाही नही की गई। शहीदों को सम्मान देकर जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने चाहिए।

दर्मियान सिंह सजवाण

पूर्व सैनिक

मुझे इसकी जानकारी नही है कि पर्यटन विभाग को यह करना था। शासन स्तर से भी विभाग को ऐसा कुछ निर्देश नही मिला है।

जसपाल सिंह चौहान

जिला पर्यटन अधिकारी

इस तरह की कोई घोषणा नही की थी। पूर्व में किसी ने क्या घोषणा की इसकी जानकारी मुझे नही है। शहीद को लेकर क्या किया जाना है इस पर विचार किया जाएगा।

दिनेश धनै

पर्यटन मंत्री व क्षेत्रीय विधायक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.