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गोष्ठी तक सीमित इंस्पायर अवार्ड

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 01:15 AM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 01:15 AM (IST)
गोष्ठी तक सीमित इंस्पायर अवार्ड

संवाद सहयोगी, चम्बा : स्कूली बच्चों की विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और शोध करने को लेकर चलाया जा रहा इंस्पायर अवार्ड और इंस्पायर इंटर्नशिप कार्यक्रम सेमिनार व गोष्ठियों तक सिमट रह गया है। कार्यक्रम को लेकर विभाग मात्र औपचारिकता निभा रहा है।

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जनपद में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रहा इंस्पायर अवार्ड और इंस्पायर इंटर्नशिप कार्यक्रम गोष्ठियों व सेमिनार तक ही सिमट कर रह गया है। इसको लेकर विभाग की ओर से मात्र औपचारिकता ही निभाई जा रही है। वर्ष 2010 में कार्यक्रम शुरू किया गया, लेकिन अभी तक यह छात्रों में लोकप्रिय नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण विभाग का उदासीन रवैया व कार्यक्रम का कम प्रचार प्रसार होना रहा है। पांच साल में अभी तक विभिन्न प्रखंड के विद्यालयों के करीब साढ़े छह सौ बच्चों ने ही कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है। इसमें प्रतापनगर के 33 और जौनपुर के 43 बच्चे ही प्रतिभाग कर पाए। सबसे अधिक नरेन्द्रनगर के 129 बच्चों ने इसमें प्रतिभाग किया है। इसमें दूरस्थ विद्यालयों के बच्चों की भागीदारी न के बराबर ही है। अधिकांश को इस कार्यक्रम के बारे में पता ही नही है। कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार भी नही किया जा रहा ह

कार्यक्रम का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाना और उन्हें नए-नए शोध करने के लिए प्रेरित करना है। इंस्पायर अवार्ड के लिए कक्षा छह से दस तक के बच्चों को शामिल किया जाता है। इंस्पायर अवार्ड में भाग लेने के लिए उन्हें पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। छात्र विभिन्न विषयों पर अपने मॉडल तैयार करते हैं। इंस्पायर इंटर्नशिप कार्यक्रम में 16 से 17 आयु वर्ग के इंटरमीडिएट के बच्चों को शामिल किया जाता है। उनके प्रशिक्षण के लिए शिविर आयोजित किए जाते हैं। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और शोध के लिए नए अवसर प्रदान किए जाते हैं। ज्येष्ठ उपप्रमुख व अभिभावक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र रमोला, राजेन्द्र सिंह नेगी आदि का कहना है कि विभाग बच्चों को लेकर जो भी कार्यक्रम चलाता है। उसकी जानकारी अभिभावकों को भी देनी चाहिए ताकि वे बच्चों को प्रोत्साहित कर सकें और कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए।

सरकार का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। बच्चे इस कार्यक्रम से प्रगति कर सकते हैं। शिक्षकों को इसमें रूचि लेनी चाहिए और उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

अलखनारायण दूबे, जिला समन्वयक, इंस्पायर अवार्ड व इंस्पायर इंटर्नशिप कार्यक्रम, टिहरी गढ़वाल


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