नित नई आपदा से जूझ रहे दूरस्त क्षेत्र के ग्रामीण
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बंद सड़क ने ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ा दी है। आपदा के मारे ग्रामीण अब नई चुनौतियों से भी जूझ रहे हैं। पंद्रह-बीस दिनों से वाहन मार्ग बंद होने से प्रभावितों को नित नई-नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीमारों को सड़क तक पहुंचाना और खाद्यान्न सामग्री को गांव तक ढोना इसके लिए उनका संघर्ष जारी है। सड़क बंद होने के कारण कोई अधिकारी व जन प्रतिनिधि गांव की सुध लेने नहीं पहुंच पर। आपदा प्रभावित खुद ही एक दूसरे का सहारा बने हुए हैं।
धर्मगंगा नदी पर आई बाढ़ से अगुंडा-कोटी-झाला हल्का मोटर मार्ग बीस दिन पूर्व बह गया था तब से यह मार्ग बंद पड़ा हुआ है। इससे अगुंडा, कोटी, उणी, पिंसवाड़ गांव के ग्रामीणों को आवागमन की विकट समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों को दस किमी का सफर तय कर बूढ़ाकेदार तक आना पड़ा रहा है। सबसे बड़ा संकट बीमार लोगों को सड़क तक पहुंचाने की है। सड़क मार्ग बंद होने के साथ ही पुलियां व पैदल मार्गो बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीण किसी तरह इन मार्गो पर सफल करने को मजबूर हैं। बरसात का मौसम होने के कारण ग्रामीण खांसी-बुखार से भी पीड़ित हैं। उक्त गांवों से अभी तक 12 बीमारों को ग्रामीण कुर्सी आदि पर बिठाकर किसी तरह सड़क तक पहुंचा है। । वहीं जखन्याली- सेमल्थ हल्का मोटर मार्ग भी पिछले पंद्रह दिनों से बंद पड़ा है। मार्ग बंद होने के कारण गांवों में खाद्य सामग्री को गांव तक पहुंचाने में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिंसवाड़ गांव के भरत सिंह व धर्म सिंह जखेड़ी का कहना है कि आपदा प्रभावितों की किसी ने अभी तक सुध नहीं ली है। वहीं सेमल्थ निवासी गुड्डी देवी कुकरेती का कहना है कि हल्का वाहन मार्ग पर पुलिया क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों के साथ ही स्कूली छात्रों खतरनाक रास्तों से जान जोखिम में डालकर सफर मरने को मजबूर हैं।