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बनाई होती सुरक्षा दीवार तो न होती तबाही

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 06:14 PM (IST)
बनाई होती सुरक्षा दीवार तो न होती तबाही

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: नौताड़ गांव पहले से ही संवेदनशील जोन में था, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन ने रुईस गदेरे में सुरक्षा दीवार नहीं बनाई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सुरक्षा दीवार बनाई होती तो हादसा नहीं होता। पिछले साल आई आपदा में भी रुईस गदेरा उफान पर था। इससे वहां भूस्खलन हुआ था।

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भिलंगना ब्लॉक से घनसाली- तिलवाड़ा रोड पिछले वर्ष आई केदारनाथ आपदा में लाइफ लाइन साबित हुई थी, लेकिन इस बार यही लाइफ लाइन मौत की लाइन साबित हुई। पिछले वर्ष जब नौताड़ के रुईस गदेरे में उफान आया था तो ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की थी। ग्रामीणों ने कई प्रस्ताव लोनिवि को दिए, लेकिन उसके बाद भी विभाग ने नौताड़ गांव में सुरक्षा दीवार नहीं बनाई। स्थानीय युवक जयबीर मिंया का कहना है कि यदि गदेरे में सुरक्षा दीवार बना दी जाती तो इतनी तबाही नहीं होती, लेकिन लोनिवि ने ग्रामीणों की नहीं सुनी। पिछले साल भी आपदा के दौरान रुईस गदेरे में उफान आया था और घरों को खतरा हो गया था। उसके बाद भी ग्रामीणों को खतरे में छोड़ दिया गया।


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