ग्रामीणों ने सीएमओ और तहसीलदार को बनाया बंधक
संवाद सूत्र, नैनबाग: प्रसव के बाद महिला की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने थत्यूड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टिहरी के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) और धनोल्टी के प्रभारी तहसीलदार को ढाई घंटे तक बंधक बना कर रखा। ग्रामीणों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। देर रात करीब दस बजे कंपनी से समझौता होने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए।
पीपीपी मोड में दिल्ली की एक कंपनी की ओर से संचालित हो रहे सामुदायिक स्वास्थ्य थत्यूड़ में सोमवार को 11 बजे सुबह जौनपुर के ग्राम सुनारा निवासी राजेंद्र कोहली गर्भवती पत्नी आशा देवी (36) को लेकर आए। शाम को महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन प्रसव के बाद उसकी हालत खराब हो गई। महिला के पति राजेंद्र और ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने वहां तैनात चिकित्सकों से महिला को हायर सेंटर रैफर करने का अनुरोध किया, लेकिन चिकित्सकों ने उनकी एक नहीं सुनी। आरोप है कि रात दो बजे आशा की हालत ज्यादा बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे देहरादून के लिए रेफर कर दिया। इसी दौरान रास्ते में कुठालगेट के पास उसने दम तोड़ दिया।
मंगलवार सुबह परिजन शव लेकर स्वास्थ्य केंद्र थत्यूड़ पहुंचे और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। परिजनों ने मांग की कि कि जब तक सीएमओ नहीं आएंगे तब तक वे शव को नहीं उठाएंगे। सूचना मिलने पर आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए। सांय करीब साढ़े पांच बजे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी अग्रवाल और प्रभारी तहसीलदार धलोल्टी मंजीत सिंह थत्यूड़ पहुंचे। अफसरों के पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर अस्पताल में ही बंधक बना लिया। ग्रामीण मृतका के परिजनों को मुआवजा देने के साथ ही लापरवाही के आरोपी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों के साथ चली बातचीत के बाद सीएमओ ने पीपी मोड में स्वास्थ्य केंद्र को संचालित कर रही कंपनी के एमडी से भी वार्ता की। इसमें कंपनी मानकों के अनुरूप मुआवजा देने की बात कर राजी हो गई। इस पर ग्रामीणों ने रात करीब आठ बजे सीएमओ व प्रभारी तहसीलदार को छोड़ दिया, लेकिन शव को नहीं उठाया। उनका कहना था कि जब तक कंपनी की तरफ से कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं आता, तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा। देर रात करीब दस बजे कंपनी से समुचित मुआवजे का आश्वासन मिलने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को किया जाएगा।
स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. भीमा व डॉ. संजीव का कहना है कि उपचार में कोई कमी नही गई। स्थिति बिगड़ने पर ही महिला को देहरादून रेफर किया गया।
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'प्रसव सुरक्षित होने के बाद महिला की देहरादून ले जाते समय रास्ते में मौत हुई। मामले की जांच की जाएगी। यदि लापरवाही का मामला सामने आया तो कार्रवाई की जाएगी'
डॉ. एसपी अग्रवाल, सीएमओ, टिहरी गढ़वाल