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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में कैसे सुधरे स्वास्थ्य

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 04:57 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 04:57 PM (IST)
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में कैसे सुधरे स्वास्थ्य

संवाद सहयोगी, नई टिहरी: जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ नाम के हैं जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ये अस्पताल बिना संसाधनों के सुनसान पड़े हैं। तक्नीशियन के अभाव में अस्पतालों में रखी मशीनें भी धूल फांक रही हैं। ऐसे स्वास्थ्य केन्द्र किस काम के जब ग्रामीणों को इलाज के लिए अन्य जाना पड़े।

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जिले में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की स्थिति चिंताजनक है। आलम यह है कि दस-बारह पद के सापेक्ष केवल मात्र एक ही चिकित्सक तैनात है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थत्यूड़ की यदि बात करें तो यहां पर चिकित्सकों के 13 पद स्वीकृत हैं जिनमें से मात्र एक पद पर ही चिकित्सक कार्यरत है। कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो वर्षो से चिकित्सकों की बाट जोह रहे हैं। यही नहीं कई जगहों पर लैब असिस्टेंट न होने के कारण लोगों की जांच भी नहीं हो पाती है। अन्य कर्मचारियों की कमी के चलते उपकरण भी धूल फांक रहे हैं।

चिकित्सकों की कमी को देखते हुए लोगों को इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में जाना पड़ता है। जिले में भले ही पांच सामुदायिक केंद्र खोल दिए गए हों लेकिन इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है।

अस्पताल-स्वीकृत-रिक्त

हिंडोलाखाल-9-5

देवप्रयाग-9-8

कीर्तिनगर-9-8

बेलेश्वर-10-3

थत्यूड़-13-12

कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। चिकित्सकों की स्थिति को लेकर शासन को बराबर रिपोर्ट भेजी जाती है।

एसपी अग्रवाल, सीएमओ टिहरी गड़वाल


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