सुरकंडा रोपवे पर जंगलात का ब्रेक
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: जिले के प्रसिद्ध सुरकंडा देवी मंदिर के लिए बनने वाले रोपवे को वन विभाग से क्लीयरेंस न मिलने के कारण मामला अटका हुआ है, जबकि रोपवे के लिए कद्दूखाल में जमीन चिह्नित की गई है।
टिहरी जनपद के प्रसिद्ध सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोपवे निर्माण की योजना बनाई गई थी। चंबा से 21 किलोमीटर दूर कद्दूखाल में करीब डेढ़ साल पहले रोपवे के लिए भूमि का चयन किया गया था। रोपवे के बेस के लिए काश्तकार से डेढ़ नाली जमीन का अधिग्रहण कर वन विभाग के नाम की गई थी, लेकिन उसके बाद से केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से क्लीयरेंस न मिलने से रोपवे का काम शुरू नहीं हो पाया। यदि रोपवे बन जाता तो देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को पहाड़ की चढ़ाई चढ़े बिना ही माता के दर्शन होते, लेकिन रोपवे न बनने से अभी श्रद्धालुओं को तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पैदल चढ़कर माता के दर्शन करने पड़ते हैं।
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साढ़े 600 मीटर का होगा रोपवे
सुरकंडा देवी मंदिर के लिए बनने वाले रोपवे की लंबाई साढ़े 600 मीटर होगी। पहले चरण में योजना पर छह करोड़ रुपये खर्च आएगा। रोपवे का बेस कद्दूखाल में बनाया जाएगा, जहां से मंदिर के लिए पैदल रास्ता शुरू होता है। उसके बाद मंदिर तक के रास्ते पर पेड़ों की लॉपिंग की जाएगी।
सती का सिर गिरा था पहाड़ पर
पुराणों के अनुसार प्रजापति दक्ष की पुत्री माता सती का शव लेकर जब शिव ब्रह्मांड का भ्रमण कर रहे थे। उस वक्त माता सती का सिर पहाड़ी पर गिरा था। तभी यहां सुरकंडा सिद्धपीठ की स्थापना हुई।
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रोपवे के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से क्लीयरेंस मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
जसपाल चौहान, जिला पर्यटन अधिकारी, टिहरी गढ़वाल