लापरवाही की भेंट चढ़ा डामरीकरण
संवाद सूत्र, आगराखाल : ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर विगत दो माह पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से किया गया डामरीकरण बीआरओ व कार्यदाई संस्था की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। सड़क पर बने कई गड्ढे यहां सरकारी पैसे की बर्बादी की कहानी बयां कर रहे हैं। वहीं बीआरओ जैसी विशेषज्ञ संस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
विदित हो कि चारधाम के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से उक्त राष्ट्रीय राजमार्ग बीआरओ के अधीन हैं। विगत अप्रैल-मई माह में नरेन्द्रनगर से नागणी तक राजमार्ग के डामरीकरण का कार्य किया गया था। कार्यदाई संस्था हिलवेज की ओर से करोड़ों की लागत से किए गए डामरीकरण की गुणवत्ता की कहानी दो महीने में सड़कों पर बने गड्ढे बयां कर रहे हैं। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी कंट्रोल के दावे किए जाते रहे, लेकिन बीआरओ की देखरेख में किए गए डामरीकरण में गुणवत्ता की जमकर अनदेखी की गई है। इसके चलते दुआधार, आगराखाल व फकोट क्षेत्र में सड़कों पर कई गड्ढे बन गए हैं। इससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। इन गड्ढों को बीआरओ ने सीमेंट बजरी से भरने के प्रयास भी किए, लेकिन बारिश के चलते बीआरओ का यह प्रयास भी सफल नहीं हो पाया।
संबंधित ठेकेदार की ओर से टेंडर के अनुरूप अभी कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। एक साल तक की सारी टूट फूट की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है। अभी बारिश हो रही है मौसम ठीक होते ही ताछला से नागणी तक डामरीकरण के साथ-साथ टूटी हुई सड़क की मरम्मत की जाएगी।
कैप्टन विकास पारिख, प्रभारी, बीआरओ