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गजब: सरकारी भूमि के बदले लिया विस्थापन का मुआवजा

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 01:01 AM (IST)
गजब: सरकारी भूमि के बदले लिया विस्थापन का मुआवजा

जागरण संवाददाता,नई टिहरी: पुनर्वास विभाग की मिलीभगत से डीएम कार्यालय में तैनात सरकारी कर्मचारी ने सरकारी भूमि पर भवन बनाया और फिर उसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बांध विस्थापित का प्रतिकर भी लिया। इस मामले के प्रकाश में आने पर एसडीएम अब पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

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टिहरी डीएम कार्यालय की कार्यशैली लगातार विवादों में आ रही है। डीएम कार्यालय में बाबू के पद पर तैनात रामलाल पुत्र गुलाबू ने जाखणीधार ब्लॉक के चाह गडोलिया में पटवारी चौकी के पास भूमि संख्या 49 में अवैध कब्जा किया। उसके बाद बाबू ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे उक्त अवैध कब्जे पर बने अपने भवन का प्रतिकर भी बांध विस्थापित के नाम पर ले लिया। पुनर्वास विभाग के कर्मचारियों और अभियंताओं की मिलीभगत से रामलाल ने सरकारी जमीन पर बनाए गए भवन का पुनर्वास विभाग से एक लाख आठ हजार पैतीस रुपये मुआवजा भी लिया। हैरत की बात ये है कि यह भूमि पटवारी चौकी के बिल्कुल पास है। कुल मिलाकर सरकारी कर्मचारी ने पहले सरकारी भूमि पर कब्जा किया और उसके बाद सरकारी धन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्राप्त किया। मामले की शिकायत होने पर अब एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

'सरकारी भूमि पर अवैध मकान बनाकर प्रतिकर लेने का मामला संज्ञान में आया है। सरकारी कर्मचारी ने ऐसा काम किया है। जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी '

अभिषेक त्रिपाठी, एसडीएम , टिहरी

पुनर्वास विभाग में दफन हैं ऐसे दर्जनों मामले

पुनर्वास विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे मुआवजा लेने के लिए दर्जनों मामले दफन हैं। पुनर्वास विभाग की कार्यशैली हमेशा से विवादों में रही है। कभी गलत आवंटन तो कभी अपात्रों को मुआवजा देने के मामले पूर्व में प्रकाश में आ चुके हैं।


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