सड़कें ध्वस्त, बढ़ी ग्रामीणों की मुसीबत
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: पिछले तीन दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जगह-जगह टूट-फूट शुरू हो गई है। इस कारण जिले में करीब एक दर्जन लिंक मार्ग बाधित हो गए हैं। पैदल मार्गो के क्षतिग्रस्त होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। मार्ग मार्ग बंद होने से करीब 35 गांव की आवाजाही प्रभावित हो गई। वहीं क्षेत्र में खाद्यान्न ढुलाई नहीं हो पा रही है।
पिछले तीन दिन से हो रही बारिश से बूढ़ाकेदार-अगुंडा, घोंटी-बनचुरी, सेंदुल-पटुड़ गांव, चमियाला-कोटालगांव- लंबगांव, मदननेगी, रजाखेत, चाका-गजा मोटर मार्ग सहित एक दर्जन मोटर मार्ग बंद हो गए हैं, इस कारण करीब तीस-पैंतीस गांव का संपर्क कट गया है। साथ ही क्षेत्र में खाद्यान्न का संकट भी पैदा हो गया है। वहीं सड़क बंद होने से ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। भिलंगना प्रखंड के दूरस्थ गांव मरवाड़ी में भूस्खलन होने से राउमावि विद्यालय क्षतिग्रस्त हो गया है। गांव की पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई जिस कारण ग्रामीणों का अन्य जगहों से संपर्क कटा हुआ है। प्रधान लीला देवी ने बताया कि गांव में भूस्खलन शुरू हो गया है, इस कारण ग्रामीण भयभीत है। देवप्रयाग नगर स्थित पुराने अस्पताल की दीवार ढह जाने से भवन को खतरा उत्पन्न हो गया है। साथ ही आस-पास के लोग भी दहशत में हैं। गांव में पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई है। बारिश के कारण मरवाड़ी, पिंसवाड़, इंद्रोला, मदननेगी, उर्णी आदि गांवों में भूस्खलन शुरू हो गया है।
नैनबाग: ग्राम बंगार में बारिश के चलते गांव हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों की नींद व चैन उड़ा दिया आपदा प्रभावित ग्राम परोड़ी के ठीक उपर बंगार गांव में हो रहे भारी भूस्खलन से गांव को खतरा बना हुआ है। यदि बारिश इसी तरह जारी रहता है तो यहां पर भू-स्खलन और सक्रिय हो जाएगा।
इस संबंध में धनोल्टी के प्रभारी तहसीलदार मनजीत गिल का कहना है कि आपदा प्रभावित गांव की विस्थापन की सूची शासन को पूर्व में ही भेजी जा चुकी है प्रभावित गांवों पर बराबर नजर रखी जा रही है।