Move to Jagran APP

जनसंख्या तो बढी पर नहीं बनी पेयजल योजना

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक में रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र की जनसंख्या छह गुना से अधिक बढ

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 03:50 PM (IST)
जनसंख्या तो बढी पर  नहीं बनी पेयजल योजना

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक में रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र की जनसंख्या छह गुना से अधिक बढ़ गई, लेकिन अस्सी के दशक में बनी पेयजल योजना से ही जल संस्थान काम चला रहा है। योजना के पुनर्गठन के लिए सवा दो करोड़ रुपये की स्वीकृति तो हुई, लेकिन इसे भी खर्च नहीं कर सका।

prime article banner

नगर की तेज गति से बढ़ रही जनसंख्या व लगातार हो रही पानी की कमी को दूर करने के लिए नगर में पेयजल योजना के पुनर्गठन के लिए जनवरी माह में 225 लाख रुपए की स्वीकृत किए गए। निविदा भी जारी की गई। तकनीकी खामियों के चलते दो बार निविदाएं निरस्त हो चुकी हैं, जबकि तीसरी बार हुई निविदा को स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया।

पुनर्गठन में यह होना है कार्य

नगर के लिए आपूर्ति कर रही पेयजल योजना के पुनर्गठन के तहत चार किमी लंबी इस योजना में बड़े बड़े पाइपों को लगाने के साथ ही पाइप लाइन को नई सर्वे से सुरक्षित स्थान पर बिछाना है। इसमें तीन टैंकों का निर्माण होगा, जो तीस हजार लीटर पानी को स्टोर किया जाएगा।

इन क्षेत्रों को मिलना है पानी

पुनाड़, महादेव मोहल्ला, हितडांग मोहल्ला, अमसारी, मुख्य बाजार, सुविधानगर, सच्चिदानंद नगर, भाणाधार, गुलाबराय, अपर बाजार, न्यू मार्केट, संगम बाजार, उपरी अमसारी आदि।

---

पेयजल की स्थिति

-आवश्यकता-1800 एलपीएम

-आपूर्ति हो रही है- 1500 एलपीएम

----

'पेयजल योजना पुनर्गठन निर्माण के लिए दो बार पूर्व में निविदा निकाली गई। लेकिन तकनीकि खामियों के चलते तीसरे बार फिर से निविदा की गई। तीसरी बार हुई निविदा स्वीकृति के शासन को भेजी गई है।

सुनील तिवारी, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान, रुद्रप्रयाग।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK