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तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट हुए बंद

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट गुरुवार को पौराणि

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 07:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 07:06 PM (IST)
तृतीय केदार तुंगनाथ  के कपाट हुए बंद

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट गुरुवार को पौराणिक रीति-रिवाज एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब शीतकाल के छह माह तक भगवान की पूजा-अर्चना मार्केण्डय मंदिर मक्कूमठ में होगी। वहीं उत्सव डोली चोपता में रात्रि विश्राम करेगी।

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तयशुदा कार्यक्रम के तहत गुरुवार सुबह छह बजे से रुद्राभिषेक के साथ ही पंच पुरोहित, पुजारी एवं हक-हकूकधारी ने पंचांग पूजन व नवग्रह दान कर विशेष पूजा-अर्चना की। विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट ठीक 11 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मंदिर की परिक्रमा कर उत्सव डोली मार्केण्डय मंदिर मक्कूमठ स्थित गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई।

कपाट बंद होने के पश्चात गुरुवार को भगवान की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंच गई। 31 अक्टूबर को विभिन्न स्थानों का दर्शन कर भनकुन तथा एक नवंबर को भगवान अपने गद्दीस्थल मार्केण्डय मंदिर मक्कूमठ के गर्भगृह में विराजमान होंगे। आने वाले शीतकाल के छह माह तक भक्त यहीं पर भगवान की पूजा-अर्चना एवं दर्शन कर सकेंगे।

इस अवसर पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी, पुजारी चन्द्र बल्लभ मैठाणी, मुकेश मैठाणी, विनोद मैठाणी, बचन सिंह रावत, कलम सिंह राणा, मकर ंिसह, नरेन्द्र शिव सिंह, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, अजय आनंद नेगी आदि मौजूद थे।


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