प्रभावित गांवों का होगा पुनर्वास
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भूस्खलन प्रभावित कुल 28 गांवों के 317 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रभावितों में उम्मीद की किरण जगी है। इन प्रभावित गांवों का जिला प्रशासन ने प्रारंभिक सर्वेक्षण कार्य भी कर लिया है। संबंधित ग्रामों के प्रभावित परिवार आगामी 28 अगस्त से 10 सितम्बर तक अपने दावे/आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके लिए डीएम ने रोस्टर तैयार कर जिलास्तरीय अधिकारियों की कमेटी का गठन भी किया है।
विगत लंबे समय से जिले के दो दर्जन से अधिक आपदा प्रभावित गांव पुनर्वास/विस्थापन की मांग करते आ रहे थे। इन प्रभावित गांवों ने कई बार धरना-प्रदर्शन तक किए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब राज्य के प्राकृतिक आपदाओं से संकटग्रस्त ग्रामों को अन्यत्र विस्थापन/पुनर्वास के लिए नीति शुरू कर दी गई है। इसमें चिह्नित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार को भवन निर्माण, गोशाला निर्माण, ग्राम में स्वयं का व्यवसाय शुरू करने तथा विस्थापन भत्ते के रूप में कुल 3.50 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। गत वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के चलते कुल 113 गांवों की कुल 861 परिवारों को विश्व बैंक पोषित आवासीय नीति के तहत चयनित किया गया है। योजना के तहत उक्त परिवारों को चार किश्तों में पांच लाख की धनराशि प्रदान की जाएगी। भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद कई स्थानों पर भवन निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
उक्त कार्य के लिए एक रोस्टर के तहत टीमें भी गठित की गई हैं, जो रोस्टर के अनुसार गांवों में जाकर निस्तारण की कार्रवाई करेंगी। इस टीम में एडीएम के साथ ही डीडीओ, तीनों तहसीलों के एसडीएम व तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीमें गठित की गई हैं।
इन गांवों का होना है पुनर्वास
पांजणा, जैली, कालीमठ, कुणजेठी, जाल तल्ला, बलसुडी, बीरों देवल, दैड़ा, रेलगांव, तरसाली, गिरीया, कविल्ठा, ऊखीमठ, उषाडा, दिल्मी, सेरशी, टाटा, टेमरिया, सेमी, सिल्ला चमराड़ा, नागजगई, डमार, भीरी, बडासू, छातीखाल, मलाऊ, कुडादाकोट।
----------------
प्रभावित 28 गांवों का प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की आपत्तियां दर्ज करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन भी किया गया है।
डॉ. राघव लंगर, डीएम, रुद्रप्रयाग।