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केदारनाथः हेली कंपनियों की मनमानी पर अंकुश को अफसर तैनात

केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन कर रही कंपनियों की मनमानी पर अंकुश को अब अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं। वहीं, सीएम ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 05:04 AM (IST)
केदारनाथः हेली कंपनियों की मनमानी पर अंकुश को अफसर तैनात
केदारनाथः हेली कंपनियों की मनमानी पर अंकुश को अफसर तैनात

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन कर रही कंपनियों की मनमानी की शिकायत मिलने पर रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने हेलीपैड का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड हेलीपैड पर एक-एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह अफसर कंपनियों की मनमानी पर निगाह रखेंगे। इस दौरान डीएम ने चेतावनी दी कि यदि कंपनियों ने तय दरों से अधिक किराया वसूला तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी।

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फाटा हेलीपैड पर पहुंचे जिलाधिकारी ने पत्रकारों से बताया कि हेलीकॉप्टर कंपनियों को मनमानी नहीं करनी दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने नोएडा के एक ट्रेवल एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि हरमिकार नाम के इस एजेंट ने गाजियाबाद के अमरेश कुमार नाम के व्यक्ति के दो टिकट तो बुक कर दिए, लेकिन यहां पहुंचने पर संबंधित कंपनी ने बुकिंग न होने की बात कही। इसके बाद डीएम ने सोनप्रयाग में हेली कंपनियों के प्रतिनधियों के साथ बैठक भी की।

मनमानी पर होगी सख्त कार्रवाई: मुख्यमंत्री

केदारनाथ के लिए हेली सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों की मनमानी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हेली कंपनियों द्वारा यात्रियों के निर्धारित से ज्यादा किराया वसूले जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए डीएम रुद्रप्रयाग को निर्देश दिए गए हैं। 

भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदरनाथ में सेवा देने वाली हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रुद्रप्रयाग के डीएम मामले की जांच करेंगे। आरोप है कि कंपनियां निर्धारित किराये के सापेक्ष दोगुना किराया वसूल रही हैं। इस दौरान आबकारी नीति पर कांग्रेस के हमलों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शराब नीति साफ है।

उन्होंने कहा कि  सरकार ने दो फीसद सेस शराब पर लगाया है। इसे सड़क सुरक्षा और महिला हितों पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन इसके दुष्परिणामों को देखते हुए इसे धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। 

उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे वहां हालात सुधरे नहीं हैं, बल्कि तस्करी बढ़ी और पड़ोसी राज्यों में शराब कारोबार बढ़ा। 

गंगटोक में हुई चीन सीमा से सटे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें सीमांत क्षेत्रों के विकास और सुरक्षा को लेकर विचार-विमर्श हुआ। 

उन्होंने कहा कि सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है। इस दौरान उन्होंने जीएसटी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उत्तराखंड कंज्यूमर स्टेट है। जीएसटी से राज्य को लाभ होगा और लोगों पर इसका भार नहीं पड़ेगा। 

एनएच घोटाले और छात्रवृत्ति घोटालों को लेकर उन्होंने कहा कि इन मामलों में सरकार की कार्यवाही गतिमान है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के नजर नहीं आने पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब वे ही बेहतर दे सकते हैं। पेट्रोल पंपों पर घटतौली के मामलों में उन्होंने कहा कि विभाग कार्यवाही कर रहा है, यह अभी जारी रहेगी।

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