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सवा साल बाद भी जिंदा हैं उम्मीदें

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ त्रासदी में लापता चल रहे लोगों के परिजनों को आपदा के 16 माह बाद

By Edited By: Published: Tue, 28 Oct 2014 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 28 Oct 2014 01:02 AM (IST)
सवा साल बाद भी जिंदा हैं उम्मीदें

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ त्रासदी में लापता चल रहे लोगों के परिजनों को आपदा के 16 माह बाद भी अपनों के मिलने की उम्मीद है। यही कारण है कि राजस्थान का एक परिवार त्रासदी में बिछड़ गए अपनों की खोज में आज भी गौरीकुंड और त्रासदी वाले स्थानों की खाक छान रहे हैं।

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पिछले साल जून में केदारनाथ में आई आपदा में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। अभी भी सैकड़ों लोग लापता चल रहे हैं। कई परिवार ऐसे भी हैं, जो पूरी यात्रा में अपने परिवार के साथ थे, लेकिन त्रासदी में बिछुड़ गए। इन्हीं अपनों के मिलने की उम्मीद आज भी उनके परिजन दिलों में संजोए हैं। इसी में एक हैं सुन्दर लाल त्रिवेदी। आज भी वह यात्रा मार्ग के चप्पे-चप्पे की खाक छानने के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे हैं। राजस्थान निवासी सुन्दर लाल त्रिवेदी जिला राजसुमंद, केलवा का कहना है कि उनके भाई बाबूलाल उर्फ लक्ष्मी लाल त्रिवेदी और गांव के दो अन्य नारायण लाल तेली, रमेश चन्द्र केदारनाथ यात्रा पर आए थे, ये तीनों वाहन चालक थे। यह तीनों आपदा के बाद से लापता चल रहे हैं। उन्होंने लापता होने की प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी, जो अभी तक उनके पास सुरक्षित है। त्रिवेदी ने बताया कि वह अपने भाई और उनके गांव के दो लोगों की तलाश में कई बार रुद्रप्रयाग आए थे, लेकिन उन्हें हर बार बैरंग लौटना पड़ा था। बताया कि हिन्दू समाज में देवी-देवाताओं की वाणी को सत्य माना गया है, इसलिए देवता ने उनके भाई के तिलवाड़ा में होने की बात कही गई है। रविवार को वह रुद्रप्रयाग से तिलवाड़ा होते हुए सोनप्रयाग तक गए थे। इसी उम्मीद के सहारे कि इस बार वह अपने भाई को खोज लेंगे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

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