केदारनाथ में आक्सीजन की कमी होगी दूर
बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो के साथ ही उसे हरा-भरा बनाने के लिए मंदिर स
बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो के साथ ही उसे हरा-भरा बनाने के लिए मंदिर समिति ने कार्ययोजना बनाई है। मंदिर के पीछे बुग्याल और ब्रह्मकमल के साथ ही उच्च हिमालय क्षेत्र में पैदा होने वाली प्रजाति के पौधे को लगाने का कार्य किया जाएगा। इससे जहां केदारनाथ के सौन्दर्य में चार चांद लगेंगे वहीं यात्रियों को आक्सीजन की कमी की समस्या भी दूर होगी।
केदारनाथ मंदिर के पीछे सरकार ने कोई भी निर्माण कार्य न करने का निर्णय लिया है। पूर्व में यहां कई सरकारी और निजी भवन थे। लेकिन आपदा के बाद सभी भवन जमींदोज हो गए। यहां पर बडे़-बडे़ बोल्डर हैं। मंदिर समिति ने इस क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। प्रशासन ने एक हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों की स्मृति में स्मृति वाटिका बनाने का निर्णय लिया है। मंदिर समिति इस पूरे क्षेत्र में बुग्याल और ब्रह्मकमल के साथ ही उच्च हिमालय क्षेत्र के लिहाज से उपयुक्त पौधे लगाएगी। इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है, कि उच्च हिमालय क्षेत्र में किस प्रकार का पौधे लग सकते हैं, इसमें कंटीली झाड़ियां भी शामिल हैं। केदारनाथ को हरा भरा करने से यहां की सबसे बड़ी समस्या आक्सीजन की कमी भी दूर हो सकेगी। अक्सर यहां पहुंचने वाले भक्तों की तबियत आक्सीजन की कमी के चलते बिगड़ जाती है। बद्री-केदार मंदिर समिति ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।
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केदारनाथ में पौधारोपण से आक्सीजन की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
डॉ. आरपी बडोनी
मुख्य चिकित्साधिकारी, रुद्रप्रयाग
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केदारनाथ मंदिर के पीछे ब्रहमकमल, बुग्याल और हरित पट्टी लगाने की योजना है। विशेषज्ञों से राय लेकर यहां पर उगने वाले विभिन्न प्रजाति के पौधे भी लगाए जाएंगे।
-बीडी सिंह
मुख्य कार्याधिकारी, बद्री केदार मंदिर समिति