खतरा बने भैरव गदेरे का रुख मोड़ने में कामयाबी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में ट्रीटमेंट का कार्य जोरशोर से जारी है। निम (नेहरू पर्वतारोहण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में ट्रीटमेंट का कार्य जोरशोर से जारी है। निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान)लगातार केदारनाथ को सुरक्षित करने के प्रयास में जुटी है। इसी कड़ी में केदारपुरी में बहने वाले भैरव गदेरे के पानी को लिनचोली की ओर मोड़ दिया गया है। इससे हेलीपैड और गढ़वाल मंडल विकास निगम की कालोनी को खतरा बना हुआ था।
केदारपुरी में शीतकाल की कड़ाके की ठंड में भी निर्माण कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं। केदारनाथ त्रासदी के समय भैरव गदेरे ने भी तबाही मचाई थी। केदारनाथ बेस कैंप से पहले भैरवनाथ गदेरे से हेलीपैड और गढ़वाल मंडल विकास निगम की बनाई कालोनी को खतरा बना था। गदेरे के पानी आने से भी इस क्षेत्र में निर्माण कार्य को संपादित करने में दिक्कत आ रही थी। वर्तमान में गदेरे का पानी पूरी तरह सुरक्षा दीवार बनाकर मोड़ दिया गया है। यह पानी अब लिनचोली की ओर केदारनाथ बैस कैंप होते हुए मंदाकिनी नदी में मिलेगा।
निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि इस गदेरे के पानी से हेलीपैड और जीएमवीएन कालोनी को खतरा था। पानी दूसरी ओर मोड़ दिए जाने से अब खतरा पूरी तरह टल गया है। वर्तमान में यहां पर हेलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है।