मौसम ने थामे एएसआइ के कदम
बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग आपदा में मंदिर को हुए नुकसान का आकलन और उसके सौंदर्यीकरण का काम देख रही भ
बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग
आपदा में मंदिर को हुए नुकसान का आकलन और उसके सौंदर्यीकरण का काम देख रही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की टीम को मौसम ने लौटने को मजबूर कर दिया है। एएसआइ की टीम अब आगामी यात्रा सीजन में ही मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम शुरू करेगी। इन दिनों केदारनाथ में दिन का तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस तो रात का करीब माइनस दस डिग्री के आसपास पहुंच रहा है।
त्रासदी में केदारनाथ मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा था। मलबा मंदिर के अंदर घुसने के साथ ही बाहरी दीवारों को भी क्षति पहुंची थी। मंदिर के अंदर साफ-सफाई के साथ ही उसके जीर्णोद्धार का काम होना था। भारत सरकार ने इस काम के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को जिम्मा सौंपा। इसके लिए दो करोड़ रुपये दिए। टीम ने मंदिर के अंदर गर्भ गृह की सफाई का काम किया। मंदिर के एक दरवाजे की मरम्मत, मंदिर के बाहर मुख्य दरवाजे पर नंदी की प्रतिमा को सीधा करने का कार्य पूरा कर लिया है। हालांकि वीआइपी गेट पर स्थित क्षतिग्रस्त दरवाजे की दीवार की मरम्मत और मंदिर परिसर में लकड़ी का फर्श समेत कई कार्य होने अभी बाकी हैं।
एएसआइ के पुरातत्वविद् अतुल भार्गव ने बताया कि मंदिर के अंदर साफ-सफाई का कार्य पूरा कर दिया गया है। मंदिर के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त करने के लिए पत्थर तैयार कर दिए गए हैं। केदारनाथ में मौसम अनुकूल न होने की स्थिति में अब आने वाले सीजन में आगे का कार्य किया जाएगा। दूसरी ओर केदारनाथ के पुनर्निर्माण में जुटी नेहरू पवर्तारोहण संस्थान की टीम अभी काम में जुटी है। टीम की आने वाले दो महीने तक भी निर्माण कार्य करने की योजना है।
बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि मंदिर के वीआइपी द्वार को काफी क्षति पहुंची है, जिसे अभी ठीक किया जाना है।
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