दो साल में19 प्राथमिक स्कूल बंद
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकारी प्राथमिक विद्यालय में लगातार घट रही छात्र संख्या प्राथमिक शिक्षा क
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकारी प्राथमिक विद्यालय में लगातार घट रही छात्र संख्या प्राथमिक शिक्षा को झटके दे रही है। जिले में दो साल से अब तक 19 प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटक चुके हैं। जबकि 96 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहां विद्यालय बंद होने की तलवार लटकी हुई है। इन विद्यालयों में अधिकांश नेपाली मूल व घुमंतु बच्चे ही पढ़ रहे हैं।
सरकार जहां शिक्षा के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च कर ही है, लेकिन विशेषकर प्राथमिक शिक्षा की स्थिति लगातार बदहाल होती जा रही है। जिले में पूर्व में 569 प्राथमिक विद्यालय थे, जो अब 550 ही बचे हैं। 19 विद्यालयों में ताले लटक गए हैं। सरकारी स्कूलों का हर जगह बुरा हाल है, जिससे छात्र संख्या बढ़ने के बजाय, स्कूलों पर ताले लटकने की नौबत आ रही है। वजह है अभिभावकों के सरकारी शिक्षा व्यवस्था से मोह भंग होना। यह स्थिति तब है जब हर वर्ष शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए लाखों रूपए खर्च करने के साथ ही बकायदा शैक्षिक उन्नययन गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है, बावजूद इसके विद्यालयों में छात्र बढ़ने के बजाय घटती जा रही है। ऐसे में सरकारी सब बढ़े सब पढ़े के नारे की हकीकत समझी जा सकती है।
सड़क किनारे, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, चन्द्रपुरी, सौड़ी, भीरी समेत शहरों के निकट विद्यालयों में नेपाली मूल के छात्र व घुमंतु मजदूर, राजस्थानी, झारखंड मजदूरों के बच्चे अध्ययनरत हैं। वहीं जब यह अपने दूसरे पड़ाव में जाते हैं, तो वहां के विद्यालय में नाम दर्ज हो जाता है, जबकि पुराने विद्यालय में भी नाम दर्ज रहता है।
---यह है स्थिति--
-पूर्व में कुल प्राथमिक विद्यालय-569
-वर्तमान में कुल प्राथमिक विद्यालय-550
-छात्र संख्या शून्य होने से बंद स्कूल-19
-शिक्षकों के स्वीकृत पद-1178
- कार्यरत शिक्षक-1007
-विद्यालयों में कुल छात्र संख्या-13218
-दस से कम छात्र संख्या वाले स्कूल- 95
-गांव में लोगों का शहरों की ओर पलायन हो रहा है, इस कारण गांव के स्कूलों में छात्र संख्या कम हो रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक विद्याशंकर चतुर्वेदी
प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, विद्यालयों में शैक्षिणिक माहौल सुधारने के लिए विद्यालयों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है, उम्मीद है कि शीघ्र इसमें सुधार आएगा।
मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग