हाईवे पर हो रहे धमाकों से सहमे ग्रामीण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: शुक्रवार सुबह बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा के पास घरेलू गैस सिलेंडर से भरे ट्र
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: शुक्रवार सुबह बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा के पास घरेलू गैस सिलेंडर से भरे ट्रक में लगी भीषण आग से दो घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। यहां तक कि दो किसी दूर नदी के दूसरी ओर बसे गांव में भी दहशत का माहौल बना रहा। ग्रामीण उजाला होने पर भी डर के कारण घरों के अंदर से ही धमाकों की आवाज सुनते रहे। धमाकों की इतनी तेज आवाज थी कि लोग तीन किमी दूर तक भी इनकी आवाज सुनते रहे।
सुबह लगभग छह बजे यह घटना रुद्रप्रयाग से 12 किमी दूर श्रीनगर की ओर खांकरा के पास हुई। सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग इतनी भीषण थी कि हाईवे पर आठ सौ मीटर दूर से ही लोग तमाशबीन बने रहे। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस की फायर सर्विस सिलेंडर के जले हुए टुकड़े कई सौ मीटर दूर तक गिरने के कारण तमाशबीन बनी रही। यही कारण था कि फायर सर्विस के पुलिस कर्मी आगे नहीं जा सके। हाईवे पर कई सौ मीटर दूर से ही इस भीषण अग्निकांड को देख भी रहे थे। यहां तक कि इस घटना वाले स्थान से लगभग दो किमी दूर अलकनंदा के दूसरी ओर बसे पपड़ासू गांव में भी सिलेंडरों में हो रहे विस्फोट से लोग सहम गए, और अपने घरों के अंदर से ही तमाशा देखते रहे। गांव के सुनीत जुगरान ने बताया दो घंटे तक गांव में दहशत का माहौल बना रहा। सिलेंडरों में हो रहे विस्फोट की आवाज बमों के धमाके की तरह सुनाई दे रही थी। सभी गांव वाले डर कर अपने घरों के अंदर से ही यह तमाशा देखते रहे।
लगभग डेढ़ किमी दूर खांकरा गांव में भी लोगों में दहशत बनी रही। खांकरा के प्रधान प्रदीप मलासी ने बताया कि सिलेंडरों से भरे ट्रक की आग इतनी भीषण थी कि पूरे गांव में दो घंटे तक अफरा-तफरी मची रही। लगभग दो घंटे बाद जब आग बुझी, तब जाकर लोगों के मन में डर समाप्त हुआ। यहां से लगभग दो किमी दूर छातीखाल में के लोग भी इस भीषण अग्निकांड के साक्षी बने। सौ मीटर ऊपर तक आग की लपटें जा रही थी, काला धुंआ पूरे आसमान में छा गया।
घरेलू सिलेंडरों की बड़ी संख्या में होती है रिफ¨लग
रुद्रप्रयाग: घरेलू सिलेंडर से भरे ट्रकों में रिफ¨लग की शिकायतें भी बड़ी संख्या में आती रहती हैं। जो कि इस तरह के भीषण अग्निकांड का कारण बन सकती हैं। भरे सिलेंडरों से खाली सिलेंडरों में गैस भरना आम बात हो चली है। नियमानुसार यह कानूनी अपराध है, लेकिन गैस सिलेंडरों में खेल करने वालों के लिए यह सामान्य बात है। घरेलू सिलेंडरों में घटतोली की समस्या समय-समय पर उजागर होती रहती है, लेकिन कभी भी संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है। सिलेंडरों की रिफ¨लग के समय गैस लीक होने से भी इस तरह के भीषण अग्निकांड होने की संभावना बढ़ जाती है। शासन प्रशासन स्तर पर इस तरह अवैध रिफ¨लग की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है।