उद्यान का कृषि विभाग में विलय का पुरजोर विरोध
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: संयुक्त उद्यान कार्मिक संगठन ने उद्यान विभाग का कृषि विभाग में विलय होने
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: संयुक्त उद्यान कार्मिक संगठन ने उद्यान विभाग का कृषि विभाग में विलय होने का पुरजोर विरोध किया है। ऐसा करने की दशा में संगठन को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसी को लेकर जिला संगठन की नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए अध्यक्ष डीएस नेगी एवं जिला मंत्री पीएस रौथाण को बनाया गया है।
नगर में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार उद्यान विभाग को कृषि विभाग में विलय करने का प्रयास कर रही है। सरकार की उत्तराखंड में उद्यान विरोधी नीतियों का संगठन पुरजोर विरोध कर आंदोलन के लिए बाध्य होगा। कहा कि विभाग का कृषि में विलय होने से औद्योनिकी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। जम्मू कश्मीर समेत कई अन्य प्रदेशों में उद्यान को ही विकास का प्रथम सोपान की प्राथमिकता दी गई। हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में चकबंदी को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि यह लागू होता है, तो उद्यानिकी के क्षेत्र में इसके क्रांतिकारी परिणाम होंगे। कहा बागवानी को देखते हुए वर्ष 1953 में उद्यान को कृषि विभाग से अलग किया गया था। पर्वतीय क्षेत्र के लिए अलग निदेशालय की स्थापना चौबटिया रानीखेत अल्मोड़ा में की गई थी। उन्होंने सरकार से उक्त विभाग को पूर्ववत की भांति रखने की मांग की है।
इस अवसर पर संयुक्त उद्यान कार्मिक संगठन की नई जिला कार्यकारिणी का गठन करते हुए अध्यक्ष एवं मंत्री के अलावा संरक्षक जीएल मक्खनवाल, उपाध्यक्ष एनके भटट, संयोजक बीएस राणा, सह संयोजक एमएस रावत, संगठन मंत्री मनोहरी लाल, जितेन्द्र कुमार, बीरेन्द्र पदवाल, एएस रावत, शिशुपाल ¨सह व केएन थपलियाल, कोषाध्यक्ष जगदीश टम्टा को बनाया गया है। बैठक में पीएल आर्य, मनोज बिष्ट, मदनलाल, राहुल कुमार, महेन्द्र ¨सह, राकेश चन्द्र, वीरेन्द्र ¨सह, कलम ¨सह समेत कई कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे।