श्रीराम के हाथों मिला रावण को मोक्ष : मोरारी बापू
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: राम कथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू ने कहा कि रावण विद्वान व महाज्ञानी था। वह
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: राम कथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू ने कहा कि रावण विद्वान व महाज्ञानी था। वह जानता था कि उसे श्रीराम के हाथों ही मरना है, इसलिए उसने माता जानकी का हरण किया और प्रभु श्रीराम के हाथों मरने की इच्छा पूरी की।
केदारनाथ में मंदिर के सम्मुख चल रही श्रीराम कथा के छठवें दिन कथा प्रवचन करते हुए संत मोरारी बापू ने श्रीराम-रावण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। कहा कि कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वर मांगे थे, जिसमें एक अपने पुत्र भरत को राजगद्दी और दूसरा श्रीराम को चौदह बरस का वनवास। राजा दशरथ क्रोधित उन पर क्रोधित भी हुए, मगर श्रीराम मर्यादा का पालन करते हुए हंसते-हंसते वन को गमन कर गए।
बापू ने कहा कि चौदह वर्ष के वनवास के दौरान श्रीराम ने काफी कष्ट सहे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। श्रीराम कथा के बीच-बीच में बापू के साथ भजन गायक राम भजनों की भी मनोहारी प्रस्तुति दे रहे थे। इससे कथा स्थल का राम व शिवमय हो गया। भक्तगण अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर भावविभोर हो झूमने लगे। कथा श्रवण करने हजारों भक्त केदारपुरी में मौजूद थे। इससे पहले, सुबह ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश पूजा, पंच पूजा, वेदी पूजा व व्यास पूजा समेत कई नित्य पूजा संपन्न कीं।