पांच घंटे बंद रही केदारनाथ हवाई सेवाएं
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए थे। इस दौरान के
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए थे। इस दौरान केदारनाथ के लिए संचालित हवाई सेवाएं पांच घंटे तक बंद रही। लगभग सात बजे से 11 बजे के बीच आम भक्त बाबा केदार के दर्शन नहीं कर सके। केदारनाथ आने वाले यात्रियों को बेस कैंप में ही रोक दिया गया था। वहीं पूरी केदारपुरी में पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी।
गत 22 जून को मौसम खराबी के चलते राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी केदारनाथ के दर्शन नहीं पाए थे। गौचर में काफी इंतजारी के बाद भी मौसम ठीक न हुआ तो उन्हें बिना दर्शनों के ही दून वापस लौटना पड़ा था। बुधवार को मौसम साफ रहने के बाद राष्ट्रपति एमआई-17 हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे, और बाबा केदार के दर्शन किए। राष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते उड्यन विभाग नई दिल्ली ने केदारनाथ को सेवाएं देने वाली आठ कम्पनियों की सेवाएं सुबह 11 बजे तक निलंबित रखी गई। राष्ट्रपति के देहरादून पहुंचने के बाद ही हवाई सेवाएं शुरू हो सकी।
जिला एवं पुलिस प्रशासन ने राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर केदारनाथ में कड़े इंतजाम किए हुए थे। केदारपुरी चारों ओर से पुलिस छावनी में तब्दील था। गत रात्रि केदारनाथ दर्शनों को पहुंचे आम भक्तों को प्रशासन ने सात बजे से पहले ही अधिकांश भक्तों को बाबा केदार के दर्शन करा दिए थे। इसके बाद मंदिर को खाली करा दिया गया था। लगभग सात बजे से 11 बजे के बीच आम भक्तों को दर्शन करने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। राष्ट्रपति के कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद ही केदारनाथ पहुंचे शेष सभी भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। वहीं सोनप्रयाग व गौरीकुंड समेत कई पड़ावों से पैदल आवाजाही करने वाले भक्तों पर कोई रोक नहीं लगाई गई। जबकि केदारनाथ बेस कैंप में दर्शनों को पहुंचे यात्रियों को रोक दिया गया। वहीं केदारनाथ मंदिर से आगे दो सौ मीटर पर पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। दूसरी ओर राष्ट्रपति के साथ ही तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टर केदारनाथ पहुंचे। इनमें पहले हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ पहुंचकर यहां के मौसम का जायजा लिया। राष्ट्रपति के सुरक्षा बल भी इस हेलीकॉप्टर में मौजूद थे। इसके लैंड करने के बाद ही सेना के दो एमआई-17 हेलीकाप्टरों ने केदारनाथ में लैंड किया। जिसमें राष्ट्रपति व अन्य वीवीआइपी मौजूद थे।