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मनणा बुग्याल में भक्तों ने की मनणामाई की पूजा-अर्चना

संवाद सूत्र, ऊखीमठ: मद्महेश्वर घाटी के राकेश्वरी मंदिर रांसी से शुरू हुई पांच दिवसीय मनणा लोकजात मन

By Edited By: Published: Fri, 22 Jul 2016 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 07:35 PM (IST)
मनणा बुग्याल में भक्तों ने की मनणामाई की पूजा-अर्चना

संवाद सूत्र, ऊखीमठ: मद्महेश्वर घाटी के राकेश्वरी मंदिर रांसी से शुरू हुई पांच दिवसीय मनणा लोकजात मनणा बुग्याल में स्थित मां के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर सभी भक्त वापस लौट आए। गत 20 जुलाई से शुरू हुई लोकजात शुक्रवार को मनणा मंदिर पहुंची, जहां यात्रा में गए भक्तों ने मंदिर में मां मनणा के दर्शन एवं विशेष पूजा-अर्चना की। देवी की मूíत को ब्रह्म कमल तथा अन्य पुष्प से ढका। मां को भोग लगाने के बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद यात्रा में गए भक्तजन वापस लौट कर रात्रि विश्राम के लिए थौलधार पहुंच गए। 23 जुलाई को थौलीधार से सन्यारा बुग्याल एवं 24 जुलाई को लोकजात यात्रा रांसी पहुंचेगी। यात्रा में भगवती प्रसाद भट्ट, रविन्द्र भट्ट, देवनानंद गैरोला, दीपक बेंजवाल, लखपत राणा मुख्य रूप से शामिल हैं।

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यह है पौराणिक मान्यता प्राचीन काल में देवताओं और दानवों के मध्य भयंकर युद्ध हुआ। जिसमें देवता पराजित हुए तथा इन्द्रलोक पर महिषासुर का राज हो गया। इसके बाद समस्त देवता भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शंकर के पास गए तथा सुरक्षा की मांग की थी। जिस पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के शरीर से तेजपुंज निकले, जिससे देवी प्रकट हुई। इसी देवी ने मनणी नाम स्थान पर महिषासुर का वध किया तथा इसका नाम मनणा देवी पड़ गया।


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