सोच और शौचालय की पेश की मिसाल
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ ब्लाक के ल्वारा, बुरूवा, सांकरी, ल्वांणी, जखोली के चाका व अगस्त्यमु
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ ब्लाक के ल्वारा, बुरूवा, सांकरी, ल्वांणी, जखोली के चाका व अगस्त्यमुनि की हाट ग्राम पंचायतों के नाम एक बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। इन ग्राम पंयायतों ने सोच और शौचालय के बूते अन्य ग्राम पंचायतों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके लिए इन्हें शासन स्तर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
केंद्र सरकार के वर्ष 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने के संकल्प में जिले के ग्रामीण क्षेत्र भी मजबूती के साथ आगे बढ़ते दिख रहे हैं। इसके लिए स्वजल परियोजना प्रति परिवार 12000 की धनराशि शौचालय बनाने को दे रही है। ताकि प्रत्येक गांव खुले में शौच से मुक्त हो सके। इस कड़ी में जिले की छह ग्राम पंचायतों ल्वारा, बुरूवा, सांकरी, ल्वांणी, चाका व हाट ने बाजी मार ली है। इसके लिए इन ग्राम पंचायतों ने शौचालय की सुविधा को लेकर स्वजल को प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत कर दिया है। अब भारत सरकार की टीम इन ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करेगी।
ये ग्राम पंचायतें हुई खुले से शौचमुक्त
गांव परिवार
ल्वारा 252
सांकरी 203
ल्वांणी 152
बुरूवा 78
चाका 250
हाट 110
तरल व ठोस प्रबंधन उपाय को स्वजल प्रयासरत
स्वजल तरल एवं ठोस प्रबंधन उपाय को लेकर भी गांवों में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है। इसके तहत भी गांवों को धनराशि दी जाती है। तरल यानी गांवों का गंदा पानी एवं ठोस प्रबंधन यानी घरों का कूड़ा-करकट का निस्तारण करना है। 150 परिवार वाले ग्राम पंचायत में सात लाख, 150-300 परिवार में 12 लाख एवं 300-500 परिवार में 15 लाख खर्च करने का प्राविधान है।
इस उपलब्धि के बाद अन्य गांवों को भी खुले में शौचमुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रचार-प्रसार जारी है।
आरएस चौहान, परियोजना प्रबंधक, स्वजल रुद्रप्रयाग।